परिचय
प्रीति अग्रवाल
कौन हो तुम?
अपना परिचय
देना चाहोगी
जब उसने पूछा
पल भर को
अवाक, मौन रही
जटिल प्रश्न
अटपटा उत्तर
साधारण हूँ
सादगी पसन्द हूँ
थोड़े में खुश
मिल-बाँट रहती
कैसे हों दिन
नदिया सी बहती
अपने मानूँ
सबके सुख-दुःख
न प्रतिस्पर्धा,
न बैर मन में रखा
प्रभु की कृपा
आशीष बहुत हैं
परिचय ये
संक्षिप्त, बहुत है
अनोखी तुम
वो हँसकर बोला-
ऐसी रहना
असाधारण दौर
सभी सयाने
यूँ साधारण होना
बड़ी खास बात है!!
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जवाब देंहटाएंप्रीति अग्रवाल जी का सुंदर चोका । हार्दिक बधाई ।
जवाब देंहटाएंविभा रश्मि
बहुत बढ़िया सादगी में रचा बसा चोका है प्रीति को हार्दिक बधाई। सविता अग्रवाल “सवि”
जवाब देंहटाएंपत्रिका में स्थान देने के लिए सम्पादक द्वेय का हार्दिक आभार!
जवाब देंहटाएंसविता जी, विभा जी, और भीकम सिंह जी, आपकी स्नेहिल टिप्पणी मेरी लेखनी को बल प्रदान करती हैं, हार्दिक धन्यवाद!
बहुत सुंदर चोका,हार्दिक बधाई प्रीति जी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चोका। बहुत बहुत बधाई प्रीति जी। सुदर्शन रत्नाकर
जवाब देंहटाएंआदरणीया सुदर्शन दी एवं शिवजी भैया, आपने समय निकाल कर पढ़ा, सराहा, आपका हार्दिक आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंसाधारण होना बड़ी ख़ास बात है -सच है! बहुत सुंदर चोका!
जवाब देंहटाएं~सादर
अनिता ललित
आपकी स्नेहिल टिप्पणी के लिए आभार सुरँगमा जी, अनिता जी!
जवाब देंहटाएंबढ़िया चोका
जवाब देंहटाएंबधाई प्रीति जी