रविवार, 17 सितंबर 2023

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1-सविता अग्रवाल सवि कैनेडा 

1.

मीरा की भक्ति

राधा का घनश्याम

जगत रखवाला

मुरारी ग्वाला

प्रेम- रस- गागर

आनंद का सागर ।

2 .

देवकी पुत्र

यशोदा का ललना

झूल रहा पलना

लीला रचाता

कुंजों  में विचरता

मटकियाँ फोड़ता ।

3.

मुरलीधर

वंशी धुन बजा

गोपियों को रिझाए

रक्षक बन

नोंक पे अँगुली की

गोवर्धन उठा

4 .

यशोदा लाल

कदम्ब वृक्ष बैठ

सखाओं को बुला

गेंद उछाले

यमुना- जल डाले

कालिया नाग मारे ।

5.

कृष्ण की छवि

निरखता ह्रदय

बेसुध करे मन

भक्ति में डोले

श्याम श्याम ही बोले

कर्ण अमृत घोले ।

6.

कुञ्ज बिहारी

अधर वंशीधर

मोहन गिरधारी

ब्रज का ग्वाला

बना सखा सुदामा

कंठ वैजन्ती माला ।   

-0-

2-  बेटी (जनक छन्द) /विभा रश्मि 

1

बेटी अँगना - खेलती ।

माँ से जीना सीखके

दुख - सुख हँसके झेलती ।

2

भोली - भाली लाड़ली ।

नैहर में नाज़ों पली

निकली मिश्री की डली ।

3

नव दुल्हन की पालकी ।

दिल में खिलते फूल हैं

तड़पी चिड़िया डाल की ।

4

तनया सोने की कनी

नखरों - नाज़ों से  पली 

मुक्ता , हीरे से बनी

5

लाडो खेले मगन हो ।

आकर खुशियाँ चूम लें 

छू लेगी वो गगन को ।

-0-


10 टिप्‍पणियां:

  1. भोली-भाली लाड़ली |
    नहैर में नाज़ों पली
    निकली मिश्री की डली |
    बेहतरीन पंक्तियों वाला जनक छंद है. हार्दिक आ. विभा रश्मि जी को

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    1. सुन्दर टिप्पणी के लिए आपका हार्दिक आभार ।

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  2. आदरणीय भाई कम्बोज जी । मेरे सेदोका को पत्रिका में स्थान देने के लिए अनेक धन्यवाद।विभा रश्मि जी के जनक छंद बेटी पर रचे हैं कोमल भावों को दर्शाते छंद हैं उन्हें भी बधाई ।सविता अग्रवाल “सवि”

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    1. सविता अग्रवाल जी के भावपूर्ण सेदोका के लिए उन्हें खूब बधाई। मेरे जनक छंद पसंद कर सुंदर टिप्पणी करने के लिए उनका दिली शुक्रिया ।

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  3. बहुत सुन्दर सेदोका और जनक छंद ,हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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  4. Bhee kam ji ka haardik aabhaar. Savita Agrawal

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  5. बहुत सुंदर सेदोका और जनक छंद। आप दोनों रचनाकारों को हार्दिक बधाई।

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  6. हार्दिक आभार सुरंगमा जी। सविता अग्रवाल “सवि”

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  7. भावपूर्ण सेदोका और सुंदर जनक छंद...सविता जी, रश्मि जी को हार्दिक बधाई।

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