मंगलवार, 26 अगस्त 2025

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डॉसुरंगमा यादव


1

 बातों से बात बने

 बात नहीं होगी

 कैसे फिर बात बने?

2

शिकवा क्या करना है

नौका पास नहीं

 तिनका ले तरना है।

3

 बेटी ने जन्म लिया

 घोर उदासी ने

 स्वागत था खूब किया।

4

 सूरज भी निकलेगा

 अँधियारा कब तक

 यूँ उसको निगलेगा।

5

 दुनिया अनजानी है

 झरना पर्वत की

 आँखों का पानी है।

6

 जीवन की लीला है

 मंजिल दूर बड़ी

 रस्ता पथरीला है।

17 टिप्‍पणियां:

  1. दुनिया अनजानी है
    झरना पर्वत की
    आँखों का पानी है।

    बहुत ही सुंदर कल्पना।
    बेटी का जन्म अभी भी समाज में उदासी का सबब है। सही कहा।
    बधाई सुरँगमा जी

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  2. वाह, वाह... बहुत सुन्दर माहिया रचे हैं, हार्दिक शुभकामनाएँ।
    - भीकम सिंह

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  3. झरना पर्वत 'का' कर लें अच्छे माहिया हैं...

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  4. बहुत सुंदर -पुष्पा मेहरा

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  5. रश्मि विभा त्रिपाठी27 अगस्त 2025 को 2:11 am बजे

    बहुत सुंदर माहिया।
    हार्दिक बधाई दीदी

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  6. बहुत सुंदर माहिया। हार्दिक बधाई।सुदर्शन रत्नाकर

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  7. सभी माहिया सुन्दर और प्रभावी हैं। तीसरा माहिया बहुत मार्मिक। बधाई डॉ. सुरंगमा जी

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  8. निराशा में आशा का संचार करते हैं बहुत सुंदर माहिया। बधाई डॉक्टर सुरंगमा 💐

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  9. आप सभी का हृदयतल से बहुत-बहुत आभार।

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  10. बहुत सुंदर एवं भावपूर्ण माहिया आ. सुरंगमा जी!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  11. बहुत सुंदर माहिया... बहुत बधाई सुरंगमा जी

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  12. वाह!
    बहुत सुन्दर... 👏👏

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  13. बहुत खूब लिखा है । सुंदर माहिया हैं हार्दिक बधाई सुरंगमा जी । सविता अग्रवाल “सवि”

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  14. बहुत ही सुन्दर माहिया... 👏👏

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  15. वाह! बहुत सुन्दर माहिया। हार्दिक बधाई सुरंगमा जी

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