डॉ सरस्वती माथुर
कपूरी हवा
मौसम की बेल से
लिपटी रही
स्वागत करने को
लौट के आई
कुतरती सरदी
श्याम चिड़िया
तितलियों संग
फूलों पे डोली
तुलसी मंज़री से
थाल सजाया
संग में गुरु पर्व
आस्था लेकर
पूर्णिमा पर आया
गुरु सबद
गुरुवाणी फूलों से
चहुँ ओर महके ।
-0-
कपूरी हवा
मौसम की बेल से
लिपटी रही
स्वागत करने को
लौट के आई
कुतरती सरदी
श्याम चिड़िया
तितलियों संग
फूलों पे डोली
तुलसी मंज़री से
थाल सजाया
संग में गुरु पर्व
आस्था लेकर
पूर्णिमा पर आया
गुरु सबद
गुरुवाणी फूलों से
चहुँ ओर महके ।
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namaskar saraswati ji , bahut sundar , shabdo ka sayounjag bahut hi bhaya , badhai aapko
जवाब देंहटाएंगुरु सबद
जवाब देंहटाएंगुरुवाणी फूलों से
चहुँ ओर महके ।
बहुत सुंदर चोका भावों से भरा और अनुभूतियों के शब्दों से सजा ...बहुत अच्छा लिखती हैं आप बहिन ...प्रस्तुतीकरण भी उत्तम , बहुत बधाई और गुरु पर्व की शुभकामनाये देने के लिए त्रिवेणी को हैट्स आफ !
मेरी भी शुभकामनाएं!
रमाकांत
बहुत सुंदर दीदी !:)
जवाब देंहटाएंगुरुपर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ !:)
~सादर !!!
बहुत सुन्दर भावपूर्ण चोका सरस्वती जी हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंbahut hi sunder haiku bhavon se bhare
जवाब देंहटाएंbahut bahut badhai
rachana
बहुत सुन्दर आस्था से परिपूर्ण प्रस्तुति ...बधाई सरस्वती जी
जवाब देंहटाएंआप सभी का तहे दिल से आभार !
जवाब देंहटाएंडॉ सरस्वती माथुर
सुन्दर...बधाई...|
जवाब देंहटाएंप्रियंका
सुंदर चोका । बधाई सरस्वती जी !
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