बुधवार, 12 जून 2013

बालक रोया

ऋता शेखर 'मधु'
1
बालक रोया
बस्ता चाहिए उसे
पिता मजबूर
दिल किया पत्थर
बनाया मजदूर
2
कोमल हाथ
चुभ गया था काँच
बहना रोई
भइया आँसू पोंछे
दोनो  बीनें कचरा ।
3
दिल के धनी
राजा औ' रंक बच्चे
देख लो फ़र्क
एक खरीदे जूता
पॉलिश करे दूजा
4
गार्गी की बार्बी
कमली ललचाई
माँ ने पुकारा
बिटिया, इधर आ
बर्तन माँज़रा
5
कठोर दिल
कैसी माता है वह
काम की भूखी
बेटी को देती मैगी
कम्मो को रोटी सूखी ।

-0-

7 टिप्‍पणियां:

  1. भावपूर्ण ताँका की सुन्दर प्रस्तुति ऋता शेखर जी बधाई।

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  2. मार्मिक प्रस्तुति ऋता जी ...
    बहुत सुंदर तांका

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  3. यहाँ पर स्थान देने के लिए सादर आभार...
    कृषणा जी...अनुपमा जी...शुक्रिया:)

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  4. कोमल हाथ
    चुभ गया था काँच
    बहना रोई
    भइया आँसू पोंछे
    दोनो बीनें कचरा ।
    uf kitna marmik sunder chitran kiya hai aapne
    rachana

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  5. बहुत मार्मिक...भावप्रवण...बधाई...|
    प्रियंका

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  6. बहुत सुन्दर भाव भरे ताँका ...बहुत बधाई !
    ज्योत्स्ना शर्मा

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  7. कोमल हाथ
    चुभ गया था काँच
    बहना रोई
    भइया आँसू पोंछे
    दोनो बीनें कचरा ।.....सुन्दर भाव

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