शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2015

साथी छोड़ गए



1-सुदर्शन रत्नाकर
1
कैसी लाचारी है
शक्ति कहाती है
फिर भी बेचारी है ।
2
सबके दुख सहती है
आँसू पीकर भी
उफ़ तक ना कहती है ।
3  
भँवरे मँडराते हैं
साथी छोड़ गए
वे लौट न पाते हैं ।
-0-
2-कृष्णा वर्मा
1
रुत फूलों की आई
तितली नाच रही
भौरे सब सौदाई।
2
रंगों की फुलवारी
धरती पर काढ़ी
किसने ये फुलकारी ।
3
नैनों से नैन मिलें
अधरों की बगिया
मुस्काने आन खिलें।
4
लतिकाएँ फूल रहीं
तरु की बाँह धरे
मस्ती से झूल रहीं।
5
शाखाएँ हुलसाईं
विहग झुलाने की
मतवाली रुत आई।
6
भँवरे जब-जब डोलें
सकुचाएँ कलियाँ
घूँघट पट ना खोलें।
-0-

9 टिप्‍पणियां:

  1. कैसी लाचारी है
    शक्ति कहाती है
    फिर भी बेचारी है ।
    sahi kaha yahi hota hai
    bahut bahut badhai
    rachana

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  2. लतिकाएँ फूल रहीं
    तरु की बाँह धरे
    मस्ती से झूल रहीं।
    sunder upma bahut khoob
    rachana

    जवाब देंहटाएं
  3. kaisi lachari hai\ shakti kahati hai \ phir bhi bechari hai. bilkul sahi kaha hai. ritu phoolon ki ayi ......sunder bhav sudershan ji va krishna ji apako badhai.
    pushpa mehra.

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  4. sundar maahiyaa ..."kaisii laachaaree " , "aansoo peekar " "nainon se nain" aur "latikaayen " bahut sundar ,mohak ....haardik badhaaii !

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