बुधवार, 4 फ़रवरी 2015

दिन रीते -रीते



डॉ सरस्वती माथुर

1

हैं दिन रीते -रीते 

तेरे बिन साजन

रो -रो के हम जीते l

2

चंचल तेरे नैना

तारे गिन कटती

अब तेरे बिन रैना l

-0-

8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत भावपूर्ण ,सरस माहिया ..हार्दिक बधाई !

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  2. komal bhavon ki sunder abbhivyakti
    mahiya me inko likhna asan nahi hota
    bahut sunder
    badhai
    rachana

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  3. बहुत सुन्दर माहिया सरस्वती जी.... बधाई!

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  4. दिल के मार्मिक भावों को व्यक्त करते इन खूबसूरत माहिया के लिए मेरी बधाई स्वीकारें...|

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