रविवार, 17 जुलाई 2016

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माहिया
श्वेता राय  ( देवरिया –उत्तर प्रदेश)
1
मन को मेरे भाती
प्रीत भरी बतियाँ
जीवन को महकाती
2
होते हैं वो अपने
जगती आँखों से
देखें हम जो सपने
3
दिल से न भुला देना
चाहो जब मिलना
यादों में बुला लेना
4
मन एक समन्दर है
प्रीत सीप- मोती
ले यादें अंदर है
5
सँभले न सँभलते हो
रेत सरीखे तुम
हाथो से फिसलते हो
6
नयना बदरी छाई
बहती है देखो
यादों की पुरवाई
7
मन का मेरे दर्पन
तेरी ये अँखियाँ
देखूँ जिनमें जीवन

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13 टिप्‍पणियां:

  1. मन मोहित करते सुंदर माहिया
    बधाई

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  2. बहुत सुंदर माहिया श्वेता। बधाई

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  3. श्वेता जी बहुत ख़ूबसूरत माहिया...बधाई।

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  4. मन का मेरे दर्पन
    तेरी ये अँखियाँ
    देखूँ जिनमें जीवन
    sunder bahut sunder badhai
    rachana

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  5. श्वेता जी बहुत ख़ूबसूरत माहिया...

    मन का मेरे दर्पन
    तेरी ये अँखियाँ
    देखूँ जिनमें जीवन

    बहुत सुंदर...बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  6. सँभले न सँभलते हो
    रेत सरीखे तुम
    हाथो से फिसलते हो
    बहुत सुन्दर भाव श्वेता जी

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  7. सुन्दर , मधुर माहिया ...हार्दिक बधाई श्वेता जी !

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  8. बहुत सुन्दर माहिया...हार्दिक बधाई...|

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