मंगलवार, 31 जनवरी 2017

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विभा रश्मि
1
नव पल्लव फूटे हैं
शाखाओं ने भी
सजवाए  बूटे हैं।
2
मधुपायी ने पी है
फूलों की हाला
फुलवारी से दी है ।
3
जोगी मन मेरा है
मन के आँगन में 
प्रियतम का डेरा है
4
पत्तों पे फिसली हैं
शबनम
के मोती
सब सच्चे असली हैं ।
5
झिलमिल चुनरी तोरी
शरमाई जब थी
सजना तुझ से गोरी ।
6
ये दिल
गुनगुन गाता
भीगा बरखा में
तू याद सदा आता।
7
रिमझिम बारिश बरसी
पी कब आ
एँगे
मन भीगा
, मैं तरसी ।
8   
बालम मीठी बतियाँ
तेरी रस भीगी
भूली सूनी रतियाँ ।
7
लहरों के रेले हैं
आते जाते पल
दुनिया के मेले हैं ।
8
माँ की बाँहों का है
लोरी
का पलना
आँचल  चाहों का है ।
9
मखमल
-सा मन तेरा
मुझ से बतियाता
सूरज और सवेरा  ।
10
चल नौकायन सजनी
सागर में चाँदी
घोले रूपा  रजनी ।
11
मेघों का मुकुट लगा
सज  बरखा रानी 
पी तो है  प्रेम पगा।
-0-
  Vibharashmi31@gmail.com    
   09414296536

16 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर माहिया !
    हार्दिक बधाई आदरणीया विभा दी !!

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  2. विभा जी बहुत सुंदर मधुर माहिया ..हार्दिक बधाई आदरणीया

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  3. बहुत उम्दा माहिये सभी।



    लहरों के रेले हैं
    आते जाते पल
    दुनिया के मेले हैं ।

    बहुत सुंदर।

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  4. स्नेही सुनीता काम्बोज , अनिता मंडा व ज्योति कलश जी आपकी सुधि - सुंदर टिप्पणी के लिए बहुत आभार । संपादक द्वय का बहुत आभार मेरे माहिया को त्रिवेणी में स्थान देने के लिये । सनेह विभा रश्मि

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  5. विभा जी बहुत ही उम्दा माहिया सृजन है |लिखती रहिये यही कामना है |बधाई |

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  6. बहुत सुन्दर माहिया विभा जी बधाई।

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  7. सुन्दर माहिया विभा जी , बधाई |

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  8. बहुत सुन्दर माहिया !
    हार्दिक बधाई आदरणीया विभा जी !!

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  9. स्नेहिल पुष्पा दी ,ज्योत्स्ना प्रदीप जी, शशि पाधा जी , कृष्णा जी, सविता जी मेरे माहिया पसंद करने व मुझे ऊर्जावान बनाने के लिये नेह भरा आभार ।

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  10. स्नेहिल पुष्पा दी ,ज्योत्स्ना प्रदीप जी, शशि पाधा जी , कृष्णा जी, सविता जी मेरे माहिया पसंद करने व मुझे ऊर्जावान बनाने के लिये नेह भरा आभार ।

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  11. एक से बढ़कर एक बेहतरीन माहिया आदरणीया विभा जी । बधाई सादर नमन ।

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  12. बहुत प्यारे माहिया...हार्दिक बधाई

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  13. विभा जी कमाल के माहिये रचे आपने।

    मधुपायी ने पी है
    फूलों की हाला
    फुलवारी से दी है ।

    बहुत सुंदर

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