गुरुवार, 1 जून 2017

766

रेखा रोहतगी
1
जो उनसे अनबन  है
रूठूँ  या मानूँ

दिल में ये उलझन है
 2
 
तुमने मारा ताना
 
तीर धँसा दिल में
 
तुमने ये कब जाना
 3
 
जो बात नहीं जँचती
 
लाख जतन कर लूँ
 
वो बात नहीं  पचती
4
 
मैं गुस्से में ऐंठी
जाते देख उसे
सब मान भुला बैठी

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