रविवार, 8 जुलाई 2018

816-मुलाक़ात


माहिया (मुलाक़ात)
पूनम सैनी
1
इक बार चले आओ

पूनम सैनी

मन में बसते हो,
नैनों में बस जाओ।
2
फूलों में रस जैसे
मैं तो बसती हूँ
साँसों में बस ऐसे।
3
बरसात बहाना है
दो पल रुकना है,
वापस  फिर जाना है।
4
ये बात नहीं अच्छी
बस दो ही पल की
बरसात नहीं अच्छी।
5
नज़रें झुक जातीं हैं
जब तुम मिलते हो
साँसें रुक जाती हैं।
6
यूँ आँख चुराओ ना,
हम तुम ग़ैर नहीं,
ऐसे शर्माओं ना।
7
आ पास ज़रा बैठो,
बात बसी दिल में,
आ पास ज़रा कह दो।
8
लब तो ना खोलूँ मैं,
आँखों से समझो,
नैनों से बोलूँ मैं।
-0-
पूनम सैनी
648/2 दयाल सिंह  कॉलोनी, नजदीक अलमारी फैक्ट्री, हाँसी ( हरियाणा)

25 टिप्‍पणियां:

  1. वाह, सभी माहिये सधे हुए। बधाई।

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  2. वाह ,सभी माहिया बहुत सुंदर .....हार्दिक बधाई 🌷🌷🌷👏👏👏👏👏

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  3. बहुत ही सुंदर माहिया 👌👌
    हार्दिक बधाई

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  4. सरस् भावों की सरल और सहज अभिव्यक्ति,माधुर्य से परिपूर्ण समस्त माहिया सुन्दर।बधाई पूनम सैनी जी।

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  5. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, सेठजी, मनिहारिन और राधा रानी “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  6. बहुत सरस , सुंदर!
    हार्दिक बधाई!!

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  9. बहुत सरस माहिया । बधाई प्रिय पूनम ।

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  10. बहुत सुन्दर माहिया पूनम जी. .... हृदय तल से बधाई !

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  11. सुंदर अभव्यक्ति।बधाई पूनम।

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  12. पूनम जी क्या कहने !
    माहिया है या प्यार की बतिया ?
    बहुत सुन्दर सरस अभिव्यक्ति । बधाई ।

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  13. आप सभी के प्यार भरे वचनों के लिए ह्रदय से बहुत बहुत धन्यवाद। ��

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  14. बहुत मीठे ,रसीले महिया । बधाई ।

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