रविवार, 15 जुलाई 2018

817- ओ ! माँ.आद्या प्रकृति


13 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही उम्दा चोका कविता जी
    आपकी लेखनी से निकला एक और अद्भुत सृजन
    हार्दिक बधाई

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  2. बहुत सुंदर चोका कविता जी। हार्दिक बधाई

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  3. शब्द चयन और भावों का गंथन अति सुन्दर ।सिद्ध लेखनी का कमाल ।हार्दिक बधाई कविता जी ।

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  4. कविता "माँ" रचना में एक आवाज़ सुनाई देती है "माँ " की | इसमें स्पष्ट झलकती है माँ की परछाईं | पढ़ते -पढ़ते मेरी भी आँखें भर आयीं क्योंकि आपकी कविता ने ऎसी आवाज़ सुनाई | अत्यंत मार्मिक और ममत्वपूर्ण है | हृदय से बधाई - श्याम हिन्दी चेतना |

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  5. हार्दिक आभार आप सभी का। स्नेह बनाये रखिएगा भविष्य में भी।

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  6. बहुत सुंदर सृजन। बधाई कविता जी

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  7. सुन्दर सृजन की हार्दिक बधाई कविता जी !

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  8. बधाई कविताजी
    नूतन विषय
    बहुत सुन्दर लिखा है

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  9. ओ माँ आद्या प्रकृति वैदिक ॠचाओं का स्मरण कराती है। यह चोका आद्यन्त सरस प्रवाह में अवगाहन कराने में सक्षम है। बहुत बधाई कविता जी ।

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  10. बहुत प्यारे सृजन की हार्दिक बधाई कविता जी !

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  11. हार्दिक आभार आप सभी स्नेहीजन का।

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