मंगलवार, 5 फ़रवरी 2019

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1-सुदर्शन रत्नाकर
1
तुम बात बनाते हो
वादा करके भी
पास नहीं आते हो।
2
ऐसा क्यों कहती हो
मुझसे दूर नहीं
इस दिल में रहती हो।
3
शीतल यह छाया है
सुख खोकर ही तो
मैंने कुछ पाया है।
4
लम्बी ये रातें हैं
आओ बैठ करें
दिल में जो बातें हैं।
5
छत पर कागा बोला
ठंडी पवन चली
मन मेरा भी डोला।
6
बेघर जो होते हैं
सरदी में भी, वो
पटरी पर सोते हैं।
-0-सुदर्शन रत्नाकर,ई-29, नेहरू ग्राउण्ड,फ़रीदाबाद 121001
-0-
2-मंजूषा मन
1
पीले पत्ते टूटे
लती बेला में
रिश्ते सारे छूटे।
2
तुम को ना छोड़ेंगे
जन्मों का नाता
कैसे हम तोड़ेंगे।
3
नातों की बात न कर
कौन निभाता है
नातों को जीवन भर।

4
जीवन भर साथ रहो
भोले इस मन से
क्यों रूठे आप कहो।
5
रूठे हम तुम से कब 
खेल गई किस्मत
हम बिछड़े तुम से ब।
6
बिछड़े भी हैं मिलते
मन में चाहत हो
दिल फूलों से खिलते।
7
फूलों की बात न कर
संग चलो जो तुम
हम चल लें काँटो पर।
-0-

10 टिप्‍पणियां:

  1. छत पर कागा बोला
    ठंडी पवन चली
    मन मेरा भी डोला।
    bahut khoob
    rachana

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  2. बिछड़े भी हैं मिलते
    मन में चाहत हो
    दिल फूलों से खिलते।

    kya hi sunder likha hai
    rachana

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर मनमोहक माहिया...रत्नाकर जी और मंजूषा जी हार्दिक बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  4. रत्नाकर जी , मन जी हार्दिक बधाई, सुन्दर माहिया।

    एक बार चले आओ
    तुमसे लिपट लूँगी
    मेरी आस फले आओ।


    मेरा यह माहिया कैसा है, पहली बार लिखा।

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  5. इक बार चले आओ 12
    तुमसे लिपटूँगी 10
    अब आस फले आओ 12

    जवाब देंहटाएं
  6. मंजूषा जीबहुत सुंदर ,भावपूर्ण माहिया । बधांई

    जवाब देंहटाएं
  7. अतिसुन्दर, भावपूर्ण माहिया।
    आदरणीया सुदर्शन दीदी एवं मन जी...हार्दिक बधाई आप दोनों को!

    ~सादर
    अनिता ललित

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  8. बहुत सुंदर, सरस माहिया..आद.रत्नाकर जी और मंजूषा जी को हार्दिक बधाई !

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  9. बहुत सुन्दर और मनभावन माहिया. बधाई रत्नाकर जी एवं मंजूषा जी.

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  10. बहुत मनभावन माहिया हैं सभी...| आप दोनों को बहुत बधाई...|

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