ज्योत्स्ना प्रदीप
1
तेरी चाहत प्यारी
दे दी रे तुझको
उजली आभा सारी ।
2
घेरे तेरा साया
जीवन अँधियारा
रौशन तुझको पाया ।
3
ये साथ हमेशा रे
तेरा नाम जपे
तन का हर रेशा रे ।
4
तू खुद उजला राही
तुझसे रौशन है
नभ की नीली स्याही ।
5
ये प्रेम अनोखा है
दिल का भँवर कहे
अंतर्मन सोखा है ।
-0-
बहुत सुंदर भावपूर्ण माहिया ज्योत्स्ना जी।बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बी सुंदर ,उम्दा माहिया ।
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई ज्योत्स्ना जी
बहुत सुंदर भाव सभी माहिया में! हार्दिक बधाई प्रिय सखी ज्योत्स्ना जी!
जवाब देंहटाएं~सादर
अनिता ललित
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जवाब देंहटाएंसुंदर भावपूर्ण माहिया ज्योत्सना जी। ढेरों बधाइयाँ।
जवाब देंहटाएंभावना सक्सैना
सुंदर भावपूर्ण माहिया ज्योत्स्ना जी बधाई।
जवाब देंहटाएंज्योत्सना जी हार्दिक बधाई स्वीकारें इतने सुन्दर भावपूर्ण माहिया के सृजन पर |
जवाब देंहटाएंसुन्दर चोका - बधाई
जवाब देंहटाएंपुष्पा मेहरा
बहुत प्यारे माहिया हैं सभी...| मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें...|
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंमेरी रचनाओं को स्थान देने के लिए सम्पादक द्वय का हार्दिक आभार करती हूँl आप सभी साथियों का भी दिल से धन्यवाद !