रविवार, 9 फ़रवरी 2020

900-ताँका



डॉ.पूर्वा शर्मा 
तू गर्म गुड़
मैं बिखरे तिल-सी,
चिपकी-घुली
सिमटे दोनों ही यों
खस्ता गजक हो ज्यों।
-0-

11 टिप्‍पणियां:

  1. वाह,बहुत सुंदर ताँका,प्रेम के अद्वैत की मिठास को अभिव्यक्त करता सर्वथा अभिनव बिम्ब।बहुत बहुत बधाई डॉ. पूर्वा जी।

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  2. सुंदर,नूतन अभिव्यक्ति!बेहतरीन,पूर्वा जी बधाई।

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  3. अभिनव प्रयोग बहुत सुंदर ताँका ।बहुत बहुत बधाई पूर्वा जी ।

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  4. सुन्दर...मन में मिठास घुल गई, बहुत-बहुत बधाई पूर्वा जी !

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  5. बहुत ख़ूबसूरत तांका... हार्दिक बधाई पूर्वा जी।

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  6. गज़ब. इतना खूबसूरत. कितना प्यारा बिम्ब और एहसास. बधाई पूर्वा जी.

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  7. आप सभी के सुंदर एवं प्रोत्साहित करते शब्दों ने ऊर्जा भर दी।
    सभी को हृदयतल से बहुत-बहुत धन्यवाद

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  8. बहुत खूबसूरत ताँका,बधाई पूर्वा जी।

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  9. बहुत सुन्दर नवीन भाव से पूर्ण तांका रचा है पूर्वा जी |हार्दिक बधाई |

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