मंगलवार, 6 अक्टूबर 2020

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 1-डॉ. सुरंगमा यादव

1

ये प्रीत पुरानी है


अधरों पर फैली

मुसकान निशानी है।

2

चंदा जब आता है

रह-रह कर मन में

इक हूक उठाता है।

3

जन्मों के नाते हैं

जब तुमको देखूँ

नैना सुख पाते है।

4

पाया तुमको जब से

भाग्य बड़ा अपना

प्यारा लगता तब से।

5

अब दूर न जाएँगे

सुख-दुःख जीवन के

हम संग उठाएँगे।

6

रीता मन का प्याला

तुमने पल भर मे

प्रेम-सुधा भर डाला।

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13 टिप्‍पणियां:

  1. प्रेम-सुधा भर डाला

    कितने सुंदर माहिये हैं। बधाई।

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  2. बेहद सुन्दर माहिया!
    हार्दिक बधाई आदरणीया!
    सादर

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  3. बहुत सुंदर माहिया । हार्दिक बधाई डॉ.सुरंगमा जी ।

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  4. बेहद खूबसूरत माहिया सुरँगमा जी, बड़ा आनन्द आया..रीता मन का प्याला, प्रेम-सुधा भर डाला!!....

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  5. सभी माहिया बहुत सुंदर,मधुरता से परिपूर्ण।हार्दिक बधाई डॉ. सुरंगमा जी।

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  6. हृदयतल से आप सभी का आभार ।काम्बोज भैया रचनाएँ प्रकाशित करके सदैव प्रोत्साहित करते हैं मैं पुनः पुनः आभारी हूँ ।

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  7. सुंदर भावपूर्ण माहिया
    हार्दिक बधाइयाँ सुरंगमा जी

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  8. बहुत ख़ूबसूरत माहिया...हार्दिक बधाई सुरंगमा जी।

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  9. सुंदर माहिया सुरंगमा जी। बधाई

    भावना सक्सैना

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  10. बहुत सुंदर तथा भावपूर्ण माहिया !
    हार्दिक बधाई सुरंगमा जी !

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  11. भावप्रवण माहिया के लिए बहुत बधाई

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