रविवार, 23 जुलाई 2023

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 1-सेदोका

डॉ. कविता भट्ट



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तू वृक्ष बन

तो मैं लता बनूँगी

तू चिट्ठी बन जाना

पता बनूँगी

तू बन सजा कोई

मैं ही खता नूँगी

 

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9 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा सेदोका-बधाई।

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  2. कितनी प्यारी अभिव्यक्ति, बहुत बधाई कविता जी

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  3. वाह,अनुपम।वृक्ष के साथ लता,चिट्ठी के साथ पता,सजा के साथ खता.. प्रीति की अभिन्नता का बेजोड़ सेदोका।डॉ. कविता जी को बधाई।

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  4. वाह लाजवाब ।हार्दिक बधाई ।
    विभा रश्मि

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  5. बहुत ख़ूब, सुंदर। सुदर्शन रत्नाकर

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  6. बहुत खूबसूरत, आपको बधाई कविता जी!

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  7. पावन प्रेम की सहज सी चाह लिए बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति । बधाई डॉ कविता।

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  8. बहुत खूबसूरत भाव. बधाई कविता जी.

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