शनिवार, 6 अक्टूबर 2012

अलसाई चाँदनी -सेदोका संग्रह से-1



1
कुछ खिलौने
उम्र छीन ले गई
कुछ वक़्त  ने लूटे,
ख़ाली हाथ हूँ
काश ! कोई लहर
हथेली भर जाए !
- डॉ• सुधा गुप्ता
2
हिरण बन
न जाने  कहाँ गई
वो प्यार भरी बातें !
छूटते अब
जहर बुझे बाण
जो हरते हैं प्राण।
-डॉ• भावना कुँअर
3
चुप नदी से 
पी लूँ दो बूँद पानी
बुझे प्यास रूहानी,
यूँ थामे हुए
लहरों का आँचल
मन बहता जाए  ।
 - डॉ• हरदीप कौर सन्धु
4
हज़ारों मिले
पथ में मीत हमें
चुपके से खिसके,
तुम-सा न था
साथ निभाने वाला,
लौटके आने वाला ।
-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
5
इन तारों में
होगा छुपा उसका
 नन्हा तारा भी कहीं ,
सोचके  यही
नभ  तकती रही
सारी रात एक माँ ।
 -रचना श्रीवास्तव

10 टिप्‍पणियां:

  1. सभी बेहतरीन सेदोका...शुभकामनाएं।

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  2. सभी भावपूर्ण सेदोका के लिए रचनाकारों को बधाई...पढ़वाने के लिए आभार!!

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  3. बेजोड़ सेदोका ... एक से बाद कर एक .. सादर आभार

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  4. बहुत सुन्दर....
    सभी लाजवाब....

    सादर
    अनु

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  5. ज्योत्स्ना शर्मा7 अक्टूबर 2012 को 5:25 pm बजे

    बहुत गहरे तक मन को छू लेने वाले सेदोका ....बहुत बधाई एवं धन्यवाद !!
    सादर ...ज्योत्स्ना

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  6. सभी सेदोका बहुत भावपूर्ण हैं आप सभी को हार्दिक बधाई।

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