रामेश्वर काम्बोज
‘हिमांशु’
1
रिश्ते हैं सर्द
आँच बनाए रखो
जीवन बचे
1
रिश्ते हैं सर्द
आँच बनाए रखो
जीवन बचे
नित नया ही रचें ।
2
तन -कस्तूरी
मन- मृग आकुल
हाँफता रहा
अगर तू न मिला
कुछ नहीं हासिल।
3
जुड़े हैं प्राण
सूत्र प्यार तुम्हारा
कच्ची है डोर
हाथ में तुम्हारे हैं
इसके दोनों छोर।
4
काल से परे
होते सब सम्बन्ध
टूटते नहीं
तोड़े कोई जितना
उतने और जुड़ें।
5
तेरी छुअन
भूल न सका तन
रोम-रोम में
घुली तेरी खुशबू
बन गई चन्दन।
2
तन -कस्तूरी
मन- मृग आकुल
हाँफता रहा
अगर तू न मिला
कुछ नहीं हासिल।
3
जुड़े हैं प्राण
सूत्र प्यार तुम्हारा
कच्ची है डोर
हाथ में तुम्हारे हैं
इसके दोनों छोर।
4
काल से परे
होते सब सम्बन्ध
टूटते नहीं
तोड़े कोई जितना
उतने और जुड़ें।
5
तेरी छुअन
भूल न सका तन
रोम-रोम में
घुली तेरी खुशबू
बन गई चन्दन।
6
एकान्त टूटा
मंदिर की सीढ़ियाँ
हुई मुखर,
तेरे चरण चूमें
आनन्द-पगी झूमें।
7
मन-पाटल
झरी हर पाँखुरी
शूल ही बचे।
धूल भरी साँझ है
अब कोई क्या रचे!
-0-
बहुत सुंदर ताँका भैया
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर , भावपूर्ण सृजन भैया जी
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत तांका, भाईसाहब बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव पिरोए हैं
जवाब देंहटाएंपावन हृदय की गहराइयों से निकले मोती माणिक ...
जवाब देंहटाएंसृजन की बधाई स्वीकारें ।
आपकी लेखनी से सदा ही मनभावन रचनाओं का सृजन होता है .... बहुत ही सुंदर हॄदय को छूने वाले ताँका👌👌
जवाब देंहटाएंबधाइयाँ 💐
अनुपम सृजन!हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंआप सबका हृदयतल से आभार। आपकी टिप्पणियाँ मेरी शक्ति हैं।
जवाब देंहटाएंकाम्बोज
कोमल, सुंदर भाव लिए ताँका! हार्दिक बधाई आदरणीय भैया जी !!!
जवाब देंहटाएं~सादर
अनिता ललित
बहुत सुंदर । मन छूते
जवाब देंहटाएंकाल से परे
जवाब देंहटाएंहोते सब सम्बन्ध
टूटते नहीं
तोड़े कोई जितना
उतने और जुड़ें।
ekadma sach or gahari baat ki aapne bahut bahut badhai...
वाह!प्रत्येक तांका उत्कृष्ट भावनाओं का जीवंत उदाहरण है।नमन सर !!
जवाब देंहटाएंआप सबकी टिप्पणियाँ मेरे लिए प्रेरक हैं। हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंकाम्बोज
सुन्दर भाव भरे ताँका , हार्दिक बधाई !
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार
हटाएं
हटाएंबहुत ही भावपूर्ण सृजन भैया जी ... हार्दिक बधाई आपको !!
बेहद भावपूर्ण ताँका, बधाई भैया.
जवाब देंहटाएंबहुत मनभावन तांका हैं सभी...| मेरी हार्दिक बधाई...|
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