रमेश कुमार सोनी
1
रोने–हँसाने
जब कोई ना आता
आती है यादें
जनाज़े तक जाती
सुख–दुःख सहेली ।
2
पत्थर सहे
तराशने का दर्द
मूर्ति हो गया
पीड़ा सुनता रहा
पुनः पत्थर हुआ ।
3
ख़ुशी गुम थी
मिलता रहा गम
मेलों में ढूँढा
युगों बीत गए हैं
मैं खुद खोने लगा ॥
4
रोने की अदा
खुश्क रहा दामन
एक फ़साना
दिल में रक्त अश्रु
दिखे तो कैसे दिखे ?
5
युगों से प्यासा
समुद्र बन दौड़ा
अश्रु का घोड़ा
कंठ सूखता गया
प्यार बढ़ता गया ।
6
श्मशान हुए
ख्वाबों की लाश पाले
भूत-सा फिरा
वो फूल चढ़ा गई
मोक्ष दिया , शुक्रिया ।
7
मिट्टी का जिस्म
दुखों के मेघ दौड़े
शान से बिछे
प्यार के दूब हँसे
बगीचे खिल उठे ।
घटे दायरे
अकेलों की दुनिया
वीरानी डसे
यहाँ–वहाँ भटका
ख़ामोशी लिए लौटा ।
9
आँधी रोई है
रातें हाथ मलतीं
लहू का दिया
बुझा न पाई कभी
दिल जला रखा था ।
10
रिश्तों की जीभ
मरणासन्न पिता
चुए–टपके
वसीयत हो रही
मरे तो माल बाँटें ।
..........-0-
रमेश कुमार सोनी
जे.पी. रोड – बसना जिला – महासमुंद , छत्तीसगढ़ , 493554
Mob. – 7049355476 / 9424220209
सभी ताँका बहुत सुंदर।बधाई
जवाब देंहटाएंधन्यवाद जी ।
हटाएंतल्खियाँ समेटे सुंदर ताँका।
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया जी ।
हटाएंप्रत्येक ताँका अपने मे तीक्ष्ण व्यंजना समाहित किये है,बिम्ब प्रभावी है,उनका अभिनव प्रयोग तीक्षणता को उभरता है,बधाई
जवाब देंहटाएंरमेश कुमार सोनी जी।
सादर अभिवादन , धन्यवाद ।
हटाएंप्रिय रमेश सोनी जी ,
जवाब देंहटाएंबहुत ही हृदय विदारक विचार आपने इस टाँके के माध्यम से प्रस्तुत किया है | आपके व्यक्तित्व की सवेदनशीलता झलकती है | अंग्रेज़ी कवि शैली की एक पंक्ति याद आ " our sweetest songs are those that tell the saddest thoughts. P.B Shelley . Shiam Hindi Chetna
हौसला अफजाई के लिए तहे दिल से शुक्रिया । आभार ।
हटाएंनिःशब्द हूँ मैं ....
जवाब देंहटाएंबहुत संवेदनात्मक अभिव्यक्ति ....
आपका आभार ।
हटाएंआपका आभार ।
हटाएंसभी ताँका लाजवाब...बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ।
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंअत्यंत सुंदर एवं भावपूर्ण ताँका!
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई आ. रमेश जी!
~सादर
अनिता ललित
सादर आभार ।
हटाएंआदरणीय रमेश जी बहुत समय बाद तांका पढने को मिले |बहुत सुन्दर सृजन है हार्दिक बधाई स्वीकारें |
जवाब देंहटाएंयुगों से प्यासा
जवाब देंहटाएंसमुद्र बन दौड़ा
अश्रु का घोड़ा
कंठ सूखता गया
प्यार बढ़ता गया ।
bahut khoob tanka
badhayi
rachana
सविता जी
जवाब देंहटाएंइस बार ताँका लिखने का मन हुआ । कभी कभी विचार हाइकु में नही समाते ।
आपको रचनाएँ अच्छी लगी , सादर आभार ।
रमेश कुमार सोनी बसना
बढिया
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया तांका हैं, बधाई
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