नीलकंठ अब भी शुभ माने जाते हैं और कौए की मुंडेर पर आवाज़ करना अतिथि बुलाते हैं- अच्छा प्रयोग है। मेघ जो हिरण की तरह हैं और वर्षा से वसुधा को हरी कर रहे हैं सुंदर शब्दांकन- बधाई।
नीलकंठ, कौओं के प्रयोग से काव्य में जीवंतता आ गई है, लोकजीवन का माधुर्य भी सौंदर्य में अभिवृद्धि कर रहा है। "काले धूसर मेघ धरा हो रही हरी।" उपरोक्त पंक्तियों में धूसर मेघों का धरा को हरी करना भी, रंगों के विरोधाभास से काव्य को मनोहारी बनाता है। उत्कृष्ट सृजन हेतु डॉ शिवजी को बधाई
दोनों ताँका उत्कृष्ट बने हैं। नीलकंठ का दर्शन शुभ माना जाता है। बादल हिरण के बच्चों की तरह चंचल हो कर भाग रहे हैं, सुंदर बिम्ब लिया है।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद अनिता जी
हटाएंसुन्दर, उत्कृष्ट भाव से परिपूर्ण ताँका।
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ आदरणीय।
सादर
हार्दिक धन्यवाद रश्मि जी
हटाएंवाह!बहुत सुंदर रचना!नीलकंठ झांसी में खूब दिखा करते थे, और बहुत शुभ माने जाते थे....हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ भैया!!💐
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद प्रीति जी।
हटाएंबहुत सुंदर बिम्ब। उत्कृष्ट ताँका। हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार दीदी
हटाएंसुंदर बिम्बों से सुसज्जित रचना।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद डॉ. महिमा श्रीवास्तव जी।
हटाएंमृग छौने से मेघ बहुत सुंदर भाव । बधाई आदरणीय शिवजी
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार कमला निखुर्पा जी
हटाएंबेहतरीन, हार्दिक शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद आदरणीय भीकम सिंह जी
हटाएंअति सुंदर भावपूर्ण ताँका।
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ आदरणीय।
हार्दिक धन्यवाद कविता जी
हटाएंनीलकंठ अब भी शुभ माने जाते हैं और कौए की मुंडेर पर आवाज़ करना अतिथि बुलाते हैं- अच्छा प्रयोग है। मेघ जो हिरण की तरह हैं और वर्षा से वसुधा को हरी कर रहे हैं सुंदर शब्दांकन- बधाई।
जवाब देंहटाएंसुंदर समीक्षा हेतु हार्दिक आभार ।
हटाएंनीलकंठ, कौओं के प्रयोग से काव्य में जीवंतता आ गई है, लोकजीवन का माधुर्य भी सौंदर्य में अभिवृद्धि कर रहा है।
जवाब देंहटाएं"काले धूसर मेघ
धरा हो रही हरी।"
उपरोक्त पंक्तियों में धूसर मेघों का धरा को हरी करना भी, रंगों के विरोधाभास से काव्य को मनोहारी बनाता है।
उत्कृष्ट सृजन हेतु डॉ शिवजी को बधाई
सराहना एवं समीक्षा हेतु हार्दिक आभार सुशीला शील जी।
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बिम्ब व भाव।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद डॉ. सुरंगमा जी।
हटाएंबहुत भावपूर्ण मनमोहक ताँका...हार्दिक बधाई डॉ. शिवजी वास्तव जी।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार कृष्णा जी।
हटाएंवाह । भाई शिवजी श्रीवास्तव जी सुंदर ताँका की रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें।
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जवाब देंहटाएंआद.भाईसाहब शिवजी श्रीवास्तव जी,बहुत ख़ूबसूरत ताँका-सृजन के लिए हार्दिक बधाई आपको।