1-डॉ
सरस्वती माथुर
1
तुम भूल नहीं जाना
करवा पूजा है
चूनर ओढ़ा जाना ।
2
देवर जी आ जाना
करवा की सरगी
भाभी को दें जाना ।
-0-
2-डॉ०पूर्णिमा
राय
1
करवाचौथ
मनभावन व्रत
नारियां सजी
मधुरिम भावों से
चमके मुख छवि!!
2
मन्द मुस्कान
है सोलह शृंगार
मनवा पंछी
प्रिय रंग में रँगा
ढूँढ रहा है चाँद!!
3
झाँके चन्द्रमा
बादलों के बीच से
आँख मिचौली
चाँदी की रेखा से ही
माँग -सिंदूर सजे!!
4
रूप निखरा
देख नव वसुधा
डोले गगन
मिलन- विकलता
पुकारे चन्द्रमा को!!
-0-
प्रियंका
गुप्ता
1
मैंने
था मारा
भीतर
का रावण
पिछली
बार ;
फिर
झाँका तो पाया
रावण
मरा नहीं ।
-0-
मंजूषा ‘मन’
1
ये राज़ पुराने
हैं
खोल दिए सारे
फिर भी ना जाने
हैं।
2
हमसे वो यूँ बोले
कड़वे बोल बड़े
सुनकर ये दिल
डोले।
3
ये सीपों में
मोती
नदिया सागर से
मिलकर है क्यों
रोती।
4
प्यारा ये सन्नाटा
इसने ही हमसे
है सारा दुख बाँटा।
5
काली कमली ढकके
सोया है चंदा
बादल तकिया रखके।
-0-
डॉ०पूर्णिमा
राय
1
हर
दिल की चाहत हो-
सुख
महके अँगना
कष्टों
से राहत हो।।
2
पलकें
ये जब झपकें
तेरी
यादों में
बरबस
आँसू टपकें।।
3
भोली
सूरत भाये
दिल
उजला उसका
नैना
ये मुस्काए।।
4
ये
दिल है दीवाना
सपने
नित देखे
सपनों
में तुम आना।।
5
चुपके
से आना तुम
सुनकर
कोयल को,
मीठा
ही गाना तुम।।
6
पैरो़ं
में पायल है
रुनझुन
घुँघरू से
दिल
होता घायल है।।
-0-
1-डॉ हरदीप कौर सन्धु
1
ख्वाबों में
आ आते
याद कभी रखते
तो भूल कभी जाते।
2
अब यूँ बेनूर न हो
आज दुआ मेरी
तू दिल से दूर न हो।
3
होंठों से गीत झरें
मीत चलो मिलके
जीवन में रंग
भरें।
4
हमने हर स्वाद चखा
शूलों-फूलों का
कोई न हिसाब रखा।
5
सावन के झूलों से
लिपटी है खुशबू
ले आओ फूलों
से।
6
आँखों से नीर बहे
खुद मिटकर के भी
जियरा की पीर कहे।
7
हर द्वार नहीं मिलती
साँसों की खुशबू
हर रोज़ नहीं खिलती
8
पानी का कतरा है
सबमें घुल जाना
जीवन का खतरा है
-0-
2-अनिता मंडा
आसरा
हमारे बीच
तूमने कभी एक
खींची दीवार
उसको ही हमने
बनाया घर
मत डालो दरार
उसमें अब,
दीवारों में दरार
होती न अच्छी
छत उठा रखी है
अपने पर
इन दीवारों ने ही
दिया हमें आसरा।
-0-