डॉ
जेन्नी शबनम
1.
पानी बहता जैसे
बिन जाने समझे
जीवन गुजरा वैसे
!
2.
फूलों-सी खिल जाती
गर तू आ जाता
तुझमें मैं मिल जाती
!
3.
अजब यह कहानी है
बैरी दुनिया से
पहचान पुरानी है ।
4.
सुख का सूरज चमका
आशाएँ जागी
मन का दर्पण दमका ।
-0-
डॉ सरस्वती माथुर
1
मन मेरा दीवाना
फुरसत मिलते ही
आकर तुम मिल जाना l
2
सपने तेरे आए
मेरे नैनों में
केवल ही तुम छाए l
3
गरजे बरसे बादल
नैनों में डाला
है प्रीत भरा काजल l