बुधवार, 1 जनवरी 2025

नया वर्ष

 भीकम सिंह

1

भरे दिल में

खुशियों वाले रंग

नया बरस

दिन सुहाने करे

रातें करे सरस।

2

प्रेम के बीज

जो घृणा में सूखे हैं

वर्षों पहले

इस वर्ष पनपें

उनकी सारी बेलें।

3

साल में

रहें साथ मिलके

हम-औ-तुम

बैर में भी प्यार का,

बना रहे मौसम।

4

साल का

प्रथम दिवस है

बैर भुलाओ

उजाला थोड़ा बढ़े

बुझे दीये जलाओ।

5

वर्ष में

नई-नई बातें हो

झूमे ख़ुशी से

हँसना-हँसाना हो

दुश्मन हो दुःखी से।

6

मुस्कान देता

नया वर्ष आने दो

फिर सुखों की

बरसात आने दो

धूप को लजाने दो।

7

आने लगे हैं

दस्तक के बुलावे

वर्ष के,

हुमक रहे पल

अनचीते हर्ष के।

8

ठेल-ठालके

जैसे- तैसे बीता है

पुराना वर्ष

आओ, के देखे

विषाद और हर्ष।

 

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