रविवार, 18 अगस्त 2024

1189

 माहिया/ प्रीति गोविंदराज



1

बूँदें हल्की- हल्की

बरसे प्रेम-सुधा

नभ की गगरी छलकी।

2

धुन बाजे रागों की

बुनती जब लहरें

झालर ये झागों की

3

दीवारों पर उभरे

सूरत यादों से

ढाँचे में जान भरे।

4

आँखों का नम होना

बिन बोले समझे

आँचल का इक कोना।

5

रंग लिये झोली में

सावन- संग धरा

यूँ खेले होली में।

6

उड़ जाओ शाखों से

माँ इंगित करती

समझाकर आँखों से।

7

कसते निर्दय तानें

हँसते हैं तन पर

मन रोया, क्या जानें।

8

बिटिया आगे बढ़ती

अम्मा को थामे,

हक की सीढ़ी चढ़ती।

9

दोनों पलड़े भारी

पी घर या पीहर

किस ओर झुके नारी।

10

विरहा यूँ तारी है

सूरत राधा की

कान्हा से कारी है।

11

आफत का है गोला

दिल मक्कारों का,

मुख से लागे भोला।

12

हम जान नहीं पाए

दिल झूठा उनका,

सच कहके पछताए।

13

दुखती जोड़ें भूली

खेलूँ पोती से,

बूढ़ी साँसें फूलीं।

14

मुस्काती अँखियों से

बाँधा जो नाता,

कह दूँ क्या सखियों से।

15

संदेश हवा लाए

उनके आँगन की

खुशबू बिखरा जाए

16

नींदों में जागे- से

मूरत उभरी है

सोचों के धागे से।

17

बन जाते हैं जोगी

कह ऊँची बातें,

ये वैभव के भोगी

18

कैसी चतुराई है

ओट नींद की ले

छुपता हरजाई है।

19

जेलों की जाली से

झाँक रहीं आँखें

मन गुमसुम खाली से

20

मौसम की चेली है

छेड़ फिरे सबको

यह पवन अकेली है।

21

लौ देखूँ चाहत की

आँखों में उनके

लूँ साँसें राहत की

22

जीवनभर कारा हो

जी लें मर्ज़ी से

बंधन यदि प्यारा हो

23

बू, रंग मले मिलना

मौसम हों खाकी,

फूलों-से तुम खिलना

24

इक सम ही स्थान मिले

बेटा- बेटी को,

घर में यह ज्ञान मिले

25

बिटिया यह सोच रही-

बाहर काम करूँ

घर में भी बोझ वही

-0-

प्रीति गोविंदराज – परिचय

प्रकाशनः हिन्दी में दो काव्य संग्रह अनेक कथा संग्रह प्रकाशित। अंग्रेज़ी मे एक काव्य संग्रह प्रकाशित। अनेक पत्र पत्रिकाओं में कविता, कहानी, हाइकु और गजलें प्रकाशित। साझा संकलन हाइकु और ग़ज़ल।

पुरस्कार: विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा विश्व हिंदी दिवस 2020 के अंतरराष्ट्रीय कहानी-लेखन प्रतियोगिता में अमेरिका भौगोलिक क्षेत्र से प्रथम पुरस्कार।

विश्व हिंदी सचिवालय के 2022 संस्मरण प्रतियोगिता में अमेरिका क्षेत्र से प्रथम पुरस्कार।

अभिरुचि:शास्त्रीय नृत्य, गायन, चित्रकला और कढ़ाई में ।

संप्रति - जार्जटाउन यूनिवर्सिटी अस्पताल के कैंसर सेंटर में कार्यरत तथा वर्जीनिया, अमेरिका में निवास।

म्पर्क : preethigovindaraj2@gmail.com,

पता -1413 ग्रेडी रेंडल कोर्ट, मैकलेन, वर्जीनिया-22101

 

 

शनिवार, 17 अगस्त 2024

1188

 

1-ताँका/भीकम सिंह 

1


शब्द  हैं कहाँ 

प्यार में संकेत हैं 

उन्हीं को भेजा 

बनाकर वजह

चिट्ठियों की जगह ।

2

प्रेमी मन ने 

ज्यों डूबने की ठानी 

प्यार की कुछ 

हुई मेहरबानी 

फिर, चादर तानी ।

3

खुले देह के 

मुश्किल वाले बंध

मेरे पक्ष में 

मन भॅंवरा चाहे

आसमान कक्ष में ।

4

प्रीत की ऑंखें 

ऑंसू से भर आईं 

आधी रात में 

एक अक्स उभरा

अँधेरे के गात में ।

5

प्यार हमारा 

सागर पे हो जैसे 

वाष्प का छोर

काली घटा में पले 

बरसे चारों ओर ।

6

होड़ -सी करें 

टिमटिमाते तारे 

प्रेम के लिए 

टूटते रहते हैं 

जाँ हथेली पे लिये

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2-माहिया/ सुशीला शील


1.

बादल तुम क्या जानो

कौन जला कितना

जन्मे तुम तब मानो।

2.

टिप-टिप बूँदें बरसीं

धानी चूनर फिर

ओढ़े धरती हुलसी।

3.

सुन लो बदरा कारे

बरसो हद ही में

जाएँ ना हम मारे।

4.

सावन के झूले हैं

सपनों की पींगे

सुधियों के रेले हैं।

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