ताँका
डॉ. जेन्नी शबनम
बच्चे
1. बच्चों
के बिना
फीका
है पकवान
सूना
घर-संसार,
लौटते
ही बच्चों के
होता
पर्व-त्योहार।
2. तोतली
बोली
माँ-बाबा
को पुकारे
वो
नौनिहाल,
बोली
सुन-सुनके
माँ-बाबा
हैं निहाल।
3. नींद
से जाग
मचाते
हर भोर
बहुत
शोर,
तूफ़ान
साथ जाए
जाते
जब वे स्कूल!
4. गुंजित
घर
बच्चे
की किलकारी
माँ
जाती वारी
नित
सुबह-शाम
बिना
लिए विराम।
5. सुबह-शाम
होता
बड़ा उधम,
ढेरों
हैं बच्चे
संयुक्त
परिवार
रौशन
घर-बार।
6. बच्चों
की अम्मा
व्यस्त
रहती सदा
काम का
टीला
धीरे-धीरे
ढाहती
ज़रा भी
न थकती।
7. जीव या
जन्तु
सबकी
माँ करती
बच्चों
की चिन्ता,
प्रकृति
की रचना
स्त्री
अद्भुत स्वरूपा।
-0-
बेटियाँ
1. नन्ही-सी
परी
खेले
आँख-मिचौली,
माँ-बाबा
हँसे
देखे
थे जो सपने
हुए वे
सब पूरे।
2. छोटी-सी
कली
अम्मा
छोड़ जो चली
हो गई
बड़ी,
अब
बिटिया नन्हीं
सबकी
अम्मा बनी।
3. नाज़ुक
प्यारी
माँ-बाबा
की दुलारी
होती
है बेटी,
जाए
पिया के घर
कर
सूना आँगन।
4. आँखों
का तारा
होती
सब बिटिया,
माँ-बाबा
रोए
विदा
हुई बिटिया
जाए पी
के अँगना।
5. घर का
दर्ज़ा
देती
सब बेटियाँ
दरो-दीवार,
जाएँ
कहीं, सृजन
करती
हैं बेटियाँ।
6. बेटी
की अम्मा
रहती
घबराई
बेटी
जो जन्मी,
किस घर
वो जाए
हर सुख
वो पाए।
7. रौशन
घर
करती
हैं बेटियाँ
जहाँ
भी जाए,
मायका
होता सूना
चहके
वर-अँगना।
-0-
ईश्वर
1. हूँ
पुजारिन
नाथ
सिर्फ़ तुम्हारी
तू
बिसराया
सुध न
ली हमारी
क्यों
समझा पराया?
2. ओ रे
विधाता!
तू
क्यों न समझता
जग की
पीर,
आस जब
से टूटा
सब हुए
अधीर।
3. ग़र तू
थामे
मेरी
जो पतवार
देखे
संसार,
भव
सागर पार
पहुँचूँ
तेरे पास।
4. हे
मेरे नाथ!
कुछ
करो निदान
हो
जाऊँ पार
जीवन
है सागर
कोई न
खेवनहार।
5. तू साथ
नहीं
डगर
अँधियारा
अब मैं
हारी,
तू है
पालनहारा
फैला
दे उजियारा।
6. मैं
हूँ अकेली
साथ
देना ईश्वर
दुर्गम
पथ
चल-चलके
हारी
अन्तहीन
सफ़र।
7. भाग्य-विधाता
तू जग
का निर्माता
पालनहारा,
सुन ले, हे ईश्वर!
तेरे
भक्तों की व्यथा।
-0-
कृष्ण
1. रोई है
आत्मा
तू ही
है परमात्मा
कर
विचार,
तेरी
जोगन हारी
मेरे
कृष्ण मुरारी।
2. चीर-हरण
हर
स्त्री की कहानी
बनी
द्रौपदी,
कृष्ण!
लो अवतार
करो
स्त्री का उद्धार।
3. माखन
चोरी
करते
सीनाजोरी
कृष्ण
कन्हाई,
डाँटे
यशोदा मैया
फिर
करे बड़ाई।
4. कर्म-ही-कर्म
बस यही
है धर्म
तेरा
सन्देश,
फैल
रहा अधर्म
आके दो
उपदेश।
5. तू हरजाई
मुझसे
की ढिठाई,
ओ मोरे
कान्हा!
गोपियों
संग रास
मुझे
माना पराई।
6. रास
रचाया
सबको
भरमाया
नन्हा
मोहन,
देके
गीता का ज्ञान
किया
जग-कल्याण।
7. तेरी
जोगन
तुझमें
ही समाई,
बड़ी
बावरी
सहके
सब पीर
बनी
मीरा दीवानी।