बादल
परसों रात से लगातार बारिश हो रही है, कभी मूसलाधार और कभी धीमी- धीमी बौछार। बारिश का मौसम बहुत रोमांटिक होता है, अक्सर सुना है। मुद्दत के बाद दोपहर को मन में जाने कहाँ से ख़याल आया कि आज इस रोमांटिक मौसम का नज़ारा छत पर चलकर देखूँ! और भीगने की फ़िक्र छोड़ मैं छत पर बने हवा महल (तीसरी मंजिल पर पापा का बनवाया हुआ उनका पसंदीदा हवादार कमरा) में खड़ी हो गई। मेरी नज़र आसमान की ओर गई, और मैं उसे एकटक देखने लगी। गौर से देखने पर मुझे लगा- गोरे- चिट्टे बादल का चेहरा साँवला पड़ गया है, बादल की आँख से आँसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं, उसे चुप कराने के बजाय बेरहम बिजली उसे डाँट और रही है। एक हवा ही है, जो उसका हाथ पकड़कर खींच रही है और कह रही है कि चलो यहाँ से मेरे साथ घूमने, मन बहलेगा। कभी तेज, कभी रिमझिम बारिश में मुझे लगा- आकाश की छत पर थके- थके पाँवों से टहलता हुआ मानो मेरी ओर देख- देखकर बादल कभी फफक- फफककर रो रहा है और कभी हिलकियाँ ले रहा है। मैं सोचने लगी-
याद किसकी
आ गई बादल को
लेता सिसकी!
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13 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर हाइबन रश्मि जी। लाजवाब हार्दिक बधाई । सुदर्शन रत्नाकर
त्रिवेणी में मेरे हाइबन को स्थान देने के लिए आदरणीय सम्पादक द्वय का हार्दिक आभार।
आदरणीया रत्नाकर दीदी की टिप्पणी की हृदय तल से आभारी हूँ।
सादर
बहुत सुंदर हाइबन , इस घटना का इससे सुंदर चित्रण हो ही नहीं सकता, वाह... वाह, हार्दिक शुभकामनाऍं।
बहुत सुन्दर हाइबन,बादल को सिसकी का प्रयोग अद्भुत एवं अनुपम है, बधाई रश्मि विभा जी
आदरणीय भीकम सिंह जी, आदरणीय शिव जी श्रीवास्तव जी की टिप्पणी का हार्दिक आभार।
सादर
सुंदर-बिंबात्मक हाइबन
हार्दिक बधाई रश्मि जी
वाह बहुत खूब लिखा है आपने।
हार्दिक बधाई
बहुत सुंदर हाइबन , लाजवाब चित्रण..हार्दिक बधाई रश्मि जी।
वाह! बहुत सुंदर !!
बहुत सुंदर वर्णन बादल के मनोभाव का । हार्दिक बधाई रश्मि जी। सविता अग्रवाल”सवि”
बहुत सुन्दर हाइबन। बधाई रश्मि जी
बहुत ख़ूबसूरत हाइबन प्रिय रश्मि जी!
~सस्नेह
अनिता ललित
आगामी सत्र में होने वाले राष्ट्रीय सम्मान कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सेनानायक जनरल रणजीत सिंह दिल्ली की मुख्य अध्यक्षता में यह कार्यक्रम आयोजित होगा जिसमें मुंबई की साहित्य नाम द्वारा राष्ट्रीय सम्मान भारत भूषण सरस्वती सम्मान भारत गौरव सम्मान होंना निश्चित हुआ है सहमति होगी प्लीज द कांटेक्ट नंबर
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