भीकम सिंह
1
भरे दिल में
खुशियों वाले रंग
नया बरस
दिन सुहाने करे
रातें करे सरस।
2
प्रेम के बीज
जो घृणा में सूखे हैं
वर्षों पहले
इस वर्ष पनपें
उनकी सारी बेलें।
3
नए साल में
रहें साथ मिलके
हम-औ-तुम
बैर में भी प्यार का,
बना रहे मौसम।
4
नए साल का
प्रथम दिवस है
बैर भुलाओ
उजाला थोड़ा बढ़े
बुझे दीये जलाओ।
5
नए वर्ष में
नई-नई बातें हो
झूमे ख़ुशी से
हँसना-हँसाना हो
दुश्मन हो दुःखी से।
6
मुस्कान देता
नया वर्ष आने दो
फिर सुखों की
बरसात आने दो
धूप को लजाने दो।
7
आने लगे हैं
दस्तक के बुलावे
नए वर्ष के,
हुमक रहे पल
अनचीते हर्ष के।
8
ठेल-ठालके
जैसे- तैसे बीता है
पुराना वर्ष
आओ, नए के देखे
विषाद और हर्ष।
-0-