सोमवार, 10 जनवरी 2022

1019-समय-चक्र

 

डॉ. सुधा गुप्ता

1

समय-चक्र


जीवन-अरगनी

सुख-दु:ख लटके,

धोते-सुखाते

कभी मुस्कान खिली

कभी आँसू टपके।

2

इतनी पीड़ा!


रुदन भी खो गया

अचरज बो गया,

सूखी आँखों में

बस जलन बाकी

हर साथी खो गया।

-0-  (सभी चित्र गूगल से साभार)

42 टिप्‍पणियां:

Anju Kharbanda ने कहा…

हृदय को छू गया समय चक्र ❤🌹

शिवजी श्रीवास्तव ने कहा…

डॉ. सुधा गुप्ता जी हम लोगों की भी प्रेरणा स्रोत हैं,बहुत ही मार्मिक सेदोका।सुधा जी की लेखनी को नमन।ईश्वर उन्हें स्वस्थ रखें।

Vibha Rashmi ने कहा…

ओह कितने मर्मांतक सेदोका । सुधा दीदी ही लिख सकती हैं होंगे जीवन के सच को ।वे शीघ्रतापूर्वक स्वस्थ हों यही प्रार्थना है ।

Vibha Rashmi ने कहा…

मर्मांतक सेदोका । भोगे जीवन के सच को आ.सुधा दीदी ही लिख सकतीं हैं । वे शीघ्र स्वस्थ हो जाएँ ।

Anita Manda ने कहा…

जीवन का मर्म समेटे सेदोका।

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

आदरणीया सुधा दीदी जी! आपकी लेखनी सदैव की तरह अंतस को चीरती हुई मन को झंझोर गई। आह! और वाह! दोनों एक साथ!
यह नववर्ष आपके लिए अच्छी सेहत की सौगात ले के आया हो, यही ईश्वर से प्रार्थना है। आपका आशीर्वाद हम सबके सिर पर बना रहे। 🙏
आपको एवं आपकी लेखनी को नमन!🙏

~सादर
अनिता ललित

दिनेश चंद्र पांडेय ने कहा…

सुंदर तानका रचना

प्रीति अग्रवाल ने कहा…

आदरणीया दीदी एक मिसाल है, उनकी लेखनी पढ़ने वालों के दिल मे एक अमिट छवि छोड़ जाती है, उन्हें शत शत नमन, ईश्वर करे वे जल्द ही स्वस्थ हो जाएं!

नंदा पाण्डेय ने कहा…

अद्भुत, मार्मिक लगी
बहुत शुभकामनाएं

nirdesh nidhi ने कहा…

बहुत बहुत सुंदर रचनाएँ बधाई आपको

Ramesh Kumar Soni ने कहा…

ऐसे सेदोका परिपक्वता की संपूर्णता पर ही लिखे जा सकते हैं। बेहतरीन मार्गदर्शक के रूप में ये सेदोका अपनी उत्कृष्टता का स्वयं परिचय दे रहे हैं।
दीदी जी के स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की मंगलकामनाएँ।

मेरा साहित्य ने कहा…

सुधा जी शब्द संयोजन और भाव दोनो ही कमाल है आपको पढ़ना मानो भावों के सागर में उतरना बहुत सुन्दरबधाई
सादर
रचना

पूनम सैनी ने कहा…

बहुत ही प्यारे और मार्मिक। सुख-दुःख कपड़ो के रूप में दर्शाना एकदम अलग कल्पना।
इतनी पीड़ा
रुदन भी खो गया।
अचरज बो गया,
सूखी आँखों में
बस जलन बाकी
हर साथी खो गया।
बहुत ही भावुक और मार्मिक।💐

पूनम सैनी ने कहा…

ईश्वर आपको जल्द ही पूर्णरूपेण स्वस्थ करें यही कामना है।🙏

HYPHEN ने कहा…

समयचक्र की गति को दर्शाते बहुत सुन्दर, मार्मिक और भावपूर्ण सेदोका! आदरणीया डाॅ. सुधा गुप्ता जी को इन रचनाओं के लिए बहुत बधाई और शीघ्र स्वास्थ्यलाभ के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ!

-डाॅ.कुँवर दिनेश, शिमला

Reet Mukatsari ने कहा…

बहुत मार्मिक एवं भावपूर्ण सेदोका। आदरणीया डॉ सुधा गुप्ता जी शीघ्र स्वस्थ हों, यही कामना है ।
-परमजीत कौर'रीत'

भीकम सिंह ने कहा…

बहुत ही सुन्दर, हार्दिक शुभकामनाएँ ।

बेनामी ने कहा…

बहुत ही भावपूर्ण सेदोका आदरणीया।
आपकी लेखनी से भावों की जो सदानीरा प्रवाहित होती है वह मन को अभिभूत कर देती है।
आप सदैव स्वस्थ रहें और आपकी प्रेरणा यूँ ही हमारी दिग्दर्शक रहे।

सादर प्रणाम आपको।
🌷💐🙏🏻

Shiam ने कहा…

आदरणीय डा. सुधा गुप्ता आपका हृदय माता शारदे का निवास है | आपकी रचनाओं में नवीनता और नयी कल्पना भरी होती है | भगवान आप इसी प्रकार लेखनी चलाती रहें और सभी को प्रेरणा देती रहें | श्याम त्रिपाठी हिंदी चेतना

Unknown ने कहा…

सुधा दीदी की कलम से निकली रचनाएँ अमृत की तरह अनमोल हैं । एक एक बूंद में जीवन का साक्षात्कार कराती हुई, नई नई कल्पनाओं और उद्भावनाओं के द्वार खोलती हुई अनंत ऊंचाइयों से गहन गहराईयों की सैर करा जाती हैं । आप स्वस्थ रहे और हम सबको प्रेरित करती रहें । सादर नमन - कमला निखुर्पा

Krishna ने कहा…

बहुत ही मार्मिक सेदोका...सादर नमन।

Seema Singh ने कहा…

आदरणीया सुधा जी की लेखनी ने बहुत प्रभावित किया है हमेशा ही, उनका उपन्यास एक पाती सूरज के नाम मेरे हृदय पर अंकित है। ईश्वर आपको स्वस्थ रखें आप यूं लिखती रहें। मेरा सादर प्रणाम आ० सुधा दीदी तक पहुंचे।🙏🙏

Pushpa mehra ने कहा…


आ.सुधा दीदी के मन से उद्भूत आयु के साथ बढ़ती अंतर्मन के द्वारा भोगी गई पीड़ा की असहाय स्थिति का निरूपण करते हृदय विदारक सेदोका जीवन के ढलते रूप का अपनी उत्कृष्ट शब्दावली से साकार कर रहे हैं,वास्तव में यही तो आह से उपजे होने वाले गान की चरम स्थिति है| दीदी आपके मनोभावों की सुन्दरतम अभिव्यक्ति को नमन ,हीरा तो हीरा ही रहता है समय की धूल भरी पर्तें उसे कितना भी ढकना क्यों ना चाहें |

पुष्पा मेहरा

मंजूषा मन ने कहा…

आदरणीय सुधा जी के सेदोका पढ़कर लगा जैसे कोई तीर हृदय के आरपार हो गया हो। सहज शब्दों में गहरे मर्म की बात कह जाना आपकी विशेषता है। आप हमारी प्रेरणा हैं। आप स्वस्थ रहें। हार्दिक शुभकामनाएं।

Ravindra Singh Yadav ने कहा…



नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (10-01-2022 ) को (चर्चा अंक 4305) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। 09:00 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।

यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।

हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

#रवीन्द्र_सिंह_यादव

Satya sharma ने कहा…

बहुत ही भावपूर्ण , मन को भींगो गयी।
सुधा दी स्वस्थ हों इसज्वर से यही प्रार्थना है

Archana rai ने कहा…

बेहतरीन...

Ankit choudhary ने कहा…

मार्मिक रचना,

dr.surangma yadav ने कहा…

बहुत भावपूर्ण एवं मार्मिक। अंतर्मन को स्पर्श कर गये भाव।
आदरणीय आपको नमन।

Anima Das ने कहा…

अत्यंत मर्मस्पर्शी भावपूर्ण सृजन... आत्मिक संवेदना को स्पर्श करती है आपकी रचना..Mam 🌹🌹🙏🙏

Dr. Purva Sharma ने कहा…


सुधा जी रचनाओं के एक-एक शब्द दिल को छू जाते हैं, इतना चमत्कारिक सृजन उन्हीं की लेखनी से संभव है |

वे शीघ्र ही स्वस्थ हो ऐसी कामना.....
सुधा जी को नमन

सदा ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
सदा ने कहा…

भावपूर्ण सृजन ...
आदरणीय सुधा जी शीघ्र स्वस्थ हों ... अनंत शुभकामनाएं
सादर 🙏🙏

Manisha Goswami ने कहा…

मार्मिक भाव से ओतप्रोत बहुत ही मार्मिक व हृदयस्पर्शि रचना! चंद शब्दों में बहुत कुछ कह गयी...!
किसी के दिल को छू गई तो किसी की आंखें नम कर गई!

Jyotsana pradeep ने कहा…


बहुत सुन्दर एवं भावपूर्ण सेदोका । भगवान करे आप हमेशा स्वस्थ रहें। आपकी लेखनी को सादर नमन आदरणीया दीदी 🙏🏼

Sushila Sheel Rana ने कहा…

आदरणीय सुधा दी बड़ी प्रेरणा हैं हमारे लिए। हमेशा महसूस किया है कि इनके भाव-शब्द हमारे अस्तित्व में समाहित हैं -


जीवन-अरगनी
सुख-दु:ख लटके,
धोते-सुखाते
कभी मुस्कान खिली
कभी आँसू टपके।

दी के शीघ्र स्वास्थ्य-लाभ की प्रार्थना के साथ उनको नमन
💐🙏

Sudershan Ratnakar ने कहा…

ह्रदय तल को छूते हुए भावों की गहन अभिव्यक्ति।उत्कृष्ट सृजन के लिए सुधा जी को हार्दिक बधाई। आपकी लेखनी को नमन। ईश्वर आपको शीघ्र स्वस्थ करें।

Sudershan Ratnakar ने कहा…

ह्रदय तल को छूते हुए भावों की गहन अभिव्यक्ति।उत्कृष्ट सृजन के लिए सुधा जी को हार्दिक। आपकी लेखनी को नमन। ईश्वर आपको शीघ्र स्वस्थ करें।

Shashi Padha ने कहा…

डॉ सुधा गुप्ता जी ने जीवन के अनुभव को शब्दों में ढाल दिया है | इसमें हम भी है और अन्य बहुत से लोग भी | आपकी लेखनी को प्रणाम |
शशि पाधा

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

आदरणीया सुधा गुप्ता जी हम सभी के लिए प्रेरक स्रोत हैं. आपकी लेखनी सीधे मन में समा जाती है. बहुत अद्भुत लिखा है. हार्दिक बधाई सुधा जी को.

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

आदरणीया सुधा जी की कलम में तो जैसे जादू की स्याही भरी है, जिससे बस कमाल की रचना निकलती है | अस्वस्थता के बावजूद इतने सुन्दर सेदोका रचने के लिए उन्हें सादर बधाई और आपका आभार , इन्हें हमको पढ़वाने के लिए |
सुधा जी जल्दी से पूर्ण स्वस्थ होकर हमें अपने लेखन से ऐसे ही प्रेरित करती रहे, यही शुभकामना है |

उमेश महादोषी ने कहा…

बहुत मार्मिक। श्रद्धेया दीदी को प्रणाम।