डॉ
जेन्नी शबनम
1.
पानी बहता जैसे
बिन जाने समझे
जीवन गुजरा वैसे
!
2.
फूलों-सी खिल जाती
गर तू आ जाता
तुझमें मैं मिल जाती
!
3.
अजब यह कहानी है
बैरी दुनिया से
पहचान पुरानी है ।
4.
सुख का सूरज चमका
आशाएँ जागी
मन का दर्पण दमका ।
-0-
डॉ सरस्वती माथुर
1
मन मेरा दीवाना
फुरसत मिलते ही
आकर तुम मिल जाना l
2
सपने तेरे आए
मेरे नैनों में
केवल ही तुम छाए l
3
गरजे बरसे बादल
नैनों में डाला
है प्रीत भरा काजल l
6 टिप्पणियां:
सुन्दर माहिया !
जेन्नी जी , सरस्वती जी आप दोनों को बधाई !!!
~सादर
अनिता ललित
जेन्नी जी, सरस्वती जी आप दोनों के माहिया बहुत मन भाए....बधाई
अजब यह कहानी है
बैरी दुनिया से
पहचान पुरानी है ।
गरजे बरसे बादल
नैनों में डाला
है प्रीत भरा काजल
sunder mahiya aapdono ko badhai
rachana
जेन्नी जी, सरस्वती जी, माहिया अच्छे लगे |
सस्नेह,
शशि पाधा
बहुत प्यारे माहिया...|
जेन्नी जी और सरस्वती जी...आप दोनों को हार्दिक बधाई...|
सुन्दर , मधुर माहिया ...
जेन्नी जी , सरस्वती जी हार्दिक बधाई !!
सादर
ज्योत्स्ना शर्मा
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