2-डॉ.सरस्वती माथुर
1 मन मेरा बावरिया चाँद निकल आया आजा अब साँवरिया । 2 तारे नभ में आए मन के द्वारे पर बीते पल के साए।
3. है मन मेरा भारी साजन की यादें लगती मुझको आरी
4 मन तो एक धागा है परदेसी बलमा कोठे पर कागा है ।
5 कोयल काली बोली मौसम बीत गए पर प्रीत नहीं डोली । -0-
3-श्वेता राय
1
छलकेँ अँखियाँ कारी हिय में जब चलती यादों की पिचकारी ।
2
अम्बर की अँगड़ाई नित -नित
भरती है धरती में तरुणाई।
3
बदरी अब आ जाओ प्यासी है धरती इसको मत तरसाओ।
4
दिल की ये हसरत है भर लूँ बाँहों में प्यारी जो सूरत है।