हमारा हिन्दुस्तान
डॉ0 सुरंगमा यादव
दिव्य वितान
हमारा हिन्दुस्तान
इसके तले
मिटें सारे संताप
क्लांत पथिक
यहाँ कहीं से आया
नेह-आश्रय
देकर पल में ही
ताप मिटाया
युग बीते कितने
काल-भाल पे
अंकित है स्वर्णिम
चमक रहा
सुन्दर नामांकन
इसकी रज
माथे पर शोभित
हो बारंबार
देव-मनुज सब
नमन करें
इसको शत बार
विजय श्री है
पावन कंठहार
नहीं किसी से
कभी ठानता रार
समाधिस्थ है
जाग्रत प्रतिपल
शत्रु का वार
सदा करे विफल
प्रथम कभी
करे नहीं प्रहार
जाने संसार
जियो जगत हित
है इसका उद्गार