1-ममतामयी
शशि पाधा
1
सुख दुःख दोनों में
दिल माँ भर आता
है ।
2
चुनरी में बाँधी है
माँ की ममता तो
हम सब की साँझी है ।
3
चुप -चुप -सी रहती है
टूटे रिश्तों की
माँ पीड़ा सहती है ।
4
क्यों लगता न्यारा है
जिस घर माँ रहती
वो ठाकुर द्वारा है ।
5
बिन पूछे जान लिया
दुखड़ा बेटी का
माँ ने पहचान लिया ।
6
लोरी की तानों में
खुशियाँ झरती हैं
माँ की मुस्कानों में ।
7
नयनों से नेह झड़ी
माँ तो नित
भरती
झोली आशीष भरी ।
-0-
2-डॉ.पूर्वा शर्मा
1
शाख- अंक में
कली व किसलय
किलकिलाएँ,
हवा गुनगुनाएँ
जब वसंत आएँ।
-0-
3- सुदर्शन रत्नाकर
।
कौन है आया
लौटके आँगन में
फूल वहाँ
खिले हैं।
हवा गा रही
पक्षी चहचहाए
ऋतुराज हैं आए।
-0-
11 टिप्पणियां:
शशि जी बहुत सुंदर भावपूर्ण माहिया।बधाई
पूर्वा जी वसंत आगमन का सुंदर वर्णन करता ताँका।बधाई
लोरी की तानों में
खुशियाँ झरती हैं
माँ की मुस्कानों में ।
bahut hi mohak
badhayi rachana
कौन है आया
लौटके आँगन में
फूल वहाँ खिले हैं।
rituraj par likhi sunder panktiyan
किलकिलाएँ,
हवा गुनगुनाएँ
vasant ka mousam nice
aao sabhi ko badhayi
rachana
सभी रचनाएँ अतिसुन्दर! हार्दिक बधाई आप सभी को!
~सादर
अनिता ललित
माँ पर बहुत सुन्दर रचनाएँ ,शशि जी हार्दिक बधाई आपको।वसंत पर लिखे दोनों ही ताँका बेहद अच्छे हैं ।रचनाकारों को बधाईयाँ ।
शशि जी एवं सुदर्शन जी आपकी रचना हर बार की तरह इस बार भी बहुत सुंदर। सादर नमन एवं बधाइयाँ ।
मेरे ताँका को स्थान देने के लिए धन्यवाद ।
वाह शशि जी,माँ पर रची सुन्दर रचना ,डॉ पूर्वा जी और सुदर्शन जी आपके द्वारा रचे तांका और सेदोका पढ़कर मन प्रफुल्लित हुआ आप तीनों रचनाकारों को हार्दिक बधाई |
शशि जी. माँ पर आधारित आपके माहिया तो दिल की गहराइयों तक उतर गए...|
पूर्वा जी और सुदर्शन जी, बहुत प्यारा लिखा है आप दोनों ने...|
आप तीनों को मेरी हार्दिक बधाई
सभी रचनाएँ बहुत ही ख़ूबसूरत ..... हार्दिक बधाई आप सभी रचनाकारों को !!
शशिजी और पूर्वाजी
बहुत खूबसूरत
मनमोहक
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