सेदोका
1-भावना सक्सैना
1
बदला नहीं
वो
जमाने के संग
हर रंग
बेरंग,
कहता
रहा
जो भी
हो दस्तूर
मिलना
है ज़रूर।
2
सुधि- निर्झर
बहता
कल -कल
सहलाता
है मन,
वेदना- सिक्त
दुष्कर
से क्षणों में
बनता
आलंबन।
3
यादों
के मोती
भरे
दिल के सीप
कितने
ही सालों से,
यादें
सरल
निष्कपट, दूर है
जग की
चालों से।
4
जीवन -संध्या
विश्लेषण
के पल
अनुभव
के बोरे,
विचारमग्न,
दूर
चले कितने
रहे
फिर भी कोरे।
5
जीवन -माला
गुज़रते
वर्ष हैं
मनके
सुनहरे,
मन के
धागे
नित
रहें बाँधते
नूतन
संगी मेरे।
-0-
ताँका
सुनीता
काम्बोज
1
आशाओं
का खिलौना
खेलता
रहा
भ्रम
के ही तूफान
नित
झेलता रहा ।
2
कानन
घना
तम और
सन्नाटा
पसरा
रहा
जीवन में सभी तो
बिन
बोले ही कहा
3
पूर्ण
आशाएँ
तृप्त
हर सपना
तृष्णा
संन्यासी
माया
रही अछूती
फिर
क्यों ये उदासी ?
4.
अबूझ
लगी
पहेली
जीवन की
करूँ
प्रयास
सुलझेगी
ज़रूर
मन में बची आस
5
रूप है
रोया
मार कर
दहाड़
किस्मत
हँसी
होठों
पर मुस्कान
सिर्फ़
समय जीता
।
6
ज्ञान
की बूँद
ह्रदय
में बहती
है
मिथ्या भ्रम
अभिमान
जगाए
खुद के
गुण गाए।
7
चिता
जलती
यादों
की फिर आज
कपट का
कफ़न
धू -धू
-धूकर जला
प्रपंच
छोड़ चला।
-०-