शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024

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1-प्रेम/भीकम सिंह

1

चले निशा में

चुभती -सी हवा ज्यों

जिस्मों की ओर

नि: शब्द प्रेम जागे

दहके पोर - पोर ।

2

पॅंखुड़ी होंठ

मुरझा घास -सी

पड़ी है देह

हवा ! तू रुख़ जरा

बदलके तो देख ।

3

याद नहीं है

कब कहा उसने

आओ पास में

मैं ठहरा हूँ अभी

बस इसी आस में ।

4

प्रेम में हम

चले सैंकड़ों बार

हाथ मलते

मेरे लिए भला वो

रुख़ क्यों बदलते ।

5

दिन खुशी के

सिमट गए पीछे

रातें कैद हैं

हाँ किसी घर में

बड़ी छत के नीचे ।

-0-

2- वसंत/ कृष्णा वर्मा

1

अधर -धरी 

चुप्पियाँ करें बातें 

खिलखिलाई  

मन तेरी आहटें 

बाँटें प्रेम सौगातें।

2

खिलते टेसू 

हृदय पुलकित 

हो सुरभित 

फागुन के स्वागत

बिखेरते अबीर। 

3


प्रीत उल्लास
 

फैले स्वर्णिम आभा 

हो अग्निभास 

अचम्भित है वन 

अरुणाभा पलाश। 

4

अद्भुत कला 

तेरी गुलमोहर 

सूर्य तपाए 

तू हो दैदीप्यमान 

महकता ही जाए। 

5

स्वर्ण रश्मियाँ 

तिरीं जब ताल पे 

धूप ने रखे 

प्रीत- भीगे अधर 

लहरों के गाल पे।

6

अद्भुत रिश्ता 

सूर्य की लालिमा से 

रचता चाँद 

समुद्र की देह पे

चाँदनी का नर्तन। 

7

मुदित ऋतु 

भरती लताओं की 

फूलों से गोद

बजाएँ ताली झूमें

गाएँ पत्ते सोहर।

8

वक़्त से हारे 

रुलते तिनकों से 

बुने चिड़िया

अपना आशियाना 

खुशियों का ख़ज़ाना। 

9

बेरंग जल 

मटमैली मिट्टी का

दृड़ निश्चय 

खिलाए बगिया में 

रंगबिरंगे फूल। 

10

भोर की बेला 

ओस चादर ओढ़े 

भीगा प्रभात 

धूप देखके नाची 

किरणों की बारात। 

11

डोलें चिनार 

अनारों के चमन 

छलके जब 

बुलबुल का कंठ 

उतरे है बसंत। 

12

तुमसे बँधा 

मेरा मन प्रिय ज्यों 

बँधा है रवि

जन्म-जन्मांतर से 

किरणों के बंधन। 

13

पुष्प रैलियाँ

बागों में भरा जोश 

उन्मादी हवा 

देखकर तितलियाँ 

खो बैठीं निज होश।  

14

फुनगी पर 

सिहरा अँधियार 

टहनी पर 

पंछी की सुगबुग 

गुहारे भिनसार। 

6 टिप्‍पणियां:

Rashmi Vibha Tripathi ने कहा…

बहुत सुंदर ताँका।
आदरणीया कृष्णा दीदी और आदरणीय भीकम सिंह जी को हार्दिक बधाई 🌹💐🌷

सादर

Ramesh Kumar Soni ने कहा…

बेहतरीन ताँका आप दोनों को हार्दिक बधाई जी।

Krishna ने कहा…

बहुत सुंदर ताँका...हार्दिक बधाई भीकम सिंह जी।

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

सभी ताँका बहुत सुंदर!

~सादर
अनिता ललित

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

सभी ताँका बहुत सुन्दर। कृष्णा जी एवं भीकम सिंह जी को बधाई।

प्रीति अग्रवाल ने कहा…

वाह! बहुत सुंदर ताँका। कृष्णा जी और भीकम सिंह जी को अनेकों बधाई!