डॉ. सुरंगमा यादव
1
बातों से बात बने
बात नहीं होगी
कैसे फिर बात बने?
2
शिकवा
क्या करना है
नौका
पास नहीं
तिनका ले तरना है।
3
बेटी ने जन्म लिया
घोर उदासी ने
स्वागत था खूब किया।
4
सूरज भी निकलेगा
अँधियारा कब तक
यूँ उसको निगलेगा।
5
दुनिया अनजानी है
झरना पर्वत की
आँखों का पानी
है।
6
जीवन की लीला है
मंजिल दूर बड़ी
रस्ता पथरीला
है।