1-डॉ जेन्नी शबनम
1
जीवन ये कहता है
काहे का झगड़ा
जग में क्या रहता है।
2
तुम कहते हो ऐसे
प्रेम नहीं मुझको
फिर साथ रही कैसे ।
3
मेरा मौन न समझे
कैसे बतलाऊँ
मैं टूट रही कबसे॥
4
तुम सब कुछ जीवन में
मिल न सकूँ फिर भी
रहते मेरे मन में
5
मुझसे सब छूट रहा
उम्र ढली अब तो
जीवन भी टूट
रहा ।
6
रिश्ते कब चलते यूँ
शिकवे बहुत रहे
नाते जब जलते यूँ
7
सपना जो टूटा है
अँधियारा दिखता
अपना जो रूठा है
8
दुनिया का कहना है
सुख-दुख
जीवन है
सबको ही बहना है
9
कहती रो के धरती
न उजाड़ो
मुझको
मैं निर्वसना मरती ।
-0-
2-शशि पाधा
1
कुछ मौसम बदला सा
पाहुन द्वार खड़ा
तन -मन
कुछ मचला सा ।
2
बिन उमड़े बरस गया
जादू नैनों का
बिन बोले परस गया।
3
बेला ने थाम लिया
संबल तरुवर का
तन मन से मान लिया ।
4
बेगाने लगते हो
आँख -मिचौनी
से
क्यूँ मुझको ठगते हो ।
5
जग सारा छान लिया
तुमसा ना देखा
झुठलाया, मान लिया ।
6
कैसी मजबूरी है
प्रेम परीक्षा में
क्यों
विरह ज़रूरी है ।
6
यह कैसा बंधन है
राधा की चूड़ी
मीरा का कंगन है ।
7
अब और बुझाओ ना
प्रीत पहेली को
तुम ही सुलझाओ ना ।
8
अब जग ने जानी है
ढाई आखर में
इक प्रेम कहानी है ।
9
अपनी नादानी से
खुद को हार दिया
मन की मनमानी से ।
-0-
13 टिप्पणियां:
सुंदर भाव पगे बहुत ही मधुर माहिया 👌👍
आ.शशि दीदी एवम् जेन्नी जी को हार्दिक बधाई !!!
मनभावन,दर्द भरे,सुंदर भावों से सजे बेहतरीन माहिया..शशि जी,एवं डॉ.जैन्नी जी
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (07-12-2016) को "दुनियादारी जाम हो गई" (चर्चा अंक-2549) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
भावपूर्ण सरस माहिया।
शशि जी और जेन्नी जी को हार्दिक बधाई !!!
आदरणीय शशि जी सभी माहिया बहुत सुंदर मनभावन
अब जग ने जानी है
ढाई आखर में
इक प्रेम कहानी है ।
जीवन ये कहता है
काहे का झगड़ा
जग में क्या रहता है।
सभी माहिया बहुत उम्दा शबनम जी
आप सब मित्रों का हार्दिक आभार |
शशि पाधा
बहुत सुन्दर बेहतरीन माहिया...जेन्नी जी, शशि जी बहुत बधाई!
जैनी जी , शशि जी क्या खूब रचा है, बहुत ही सुंदर।
मेरी लेखनी की सराहना के लिए आप सभी सुधीजनों का तहे दिल से शुक्रिया और आभार.
शशि जी को भावपूर्ण माहिया के लिए बहुत बहुत बधाई.
shashi ji jenni ji bahut khoob badhai
rachana
बहुत सुन्दर और मनभावन...| ढेरों बधाई...|
सभी माहिया बेहतरीन ...
अब जग ने जानी है
ढाई आखर में
इक प्रेम कहानी है ।
जीवन ये कहता है
काहे का झगड़ा
जग में क्या रहता है।
बहुत सुन्दर!!!
शशि जी और जेन्नी जी को हार्दिक बधाई !!!
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