ताँका
-अनिता ललित
1
सिर टिका के
नभ के काँधे पर
सूरज सोया
धरा गुनगुनाए
मधुर लोरी गाए।
2
नभ के काँधे पर
सूरज सोया
धरा गुनगुनाए
मधुर लोरी गाए।
2
रखे अधर
धरा के माथे पर
भीगे नैनों से
सूरज ने ली विदा
दिल साँझ का डूबा।
धरा के माथे पर
भीगे नैनों से
सूरज ने ली विदा
दिल साँझ का डूबा।
3
कैसे
अपने!
ये
लालच में अंधे
घोलें
ज़हर
मीठी-मीठी
बातों में
दें घातें
–सौग़ातों में!
4
चीर
दें दिल
कड़वी
दलीलों से
नहीं
इलाज
कपटी
इंसानों का
प्रेम
की किताबों में!
5
मिलता
काट
साँप
के ज़हर का
न
मिले तोड़
आस्तीन
में पलते
अपनों
के काटे का!
6
छाई
बहारें
कुछ
खट्ठी-मीठी सी
याद-फुहारें
मन-अँगना
झरी
भीगी
आँखों की क्यारी!
7
फ़ागुन
गीत
फ़ज़ाओं
में जो गूँजें
महका
जाते
बचपन
पुकारे
पर
हाथ न आए!
8
रूठा
है चाँद
नहीं
प्रेम-ललक
सूना
फ़लक
मन
की गली में भी
छाई आज
उदासी!
9
कानों
में गूँजे
नेह
भरी आवाज़
वो
एहसास -
आशीष-भरा
हाथ
रहेगा
सदा साथ!
10
कर्म
हमारे
करते
लेखा-जोखा
कर्ज़
चुकाते
भाग्य
न सके बाँच
साँच
को नहीं आँच!
-0-
अनिता
ललित ,1/16 विवेक खंड ,गोमतीनगर
लखनऊ
-226010
ई
मेल: anita.atgrace@gmail.com
16 टिप्पणियां:
बहुतसुंदर ताँका अनिता। बधाई
sabhi taanka sundar aur jeevn -saty par adharit hain.Anita ji badhai .
pushpa mehra
sabhii bahut sundar taanke ' badhaaii
अप सभी आदरणीयजनों का हार्दिक आभार!!!
~सादर
अनिता ललित
बहुत सुन्दर ताँका अनीता जी।
हार्दिक बधाई !
सभी ताँका बहुत सुन्दर. बधाई अनिता जी.
बहुत सुंदर सभी तांका....हार्दिक बधाई अनिता जी।
वाआआह अनुपम भावों का संगम ...बहुत बहुत बधाई
वाह ! बधाई स्वीकारें !
वाह ! बधाई स्वीकारें !
वाह, बहुत लाजवाब
सभी ताँका बहुत सुन्दर. बधाई अनिता जी.
बहुत सुन्दर मधुर ताँका । अनिता जी सबी ताँका मेरे मन भाए ।बधाई लो ।
विभा रश्मि दी
अनिता जी हर ताँका अलग भाव भरा बहुत अच्छा लगा। चीर दे दिल वाला … तो मन में उतर ही गया ।बहुत सारी बधाई इस सुन्दर ताँकायों के लिये ।
सुन्दर भाव भरे बहुत सुन्दर ताँका ...हार्दिक बधाई अनिता ललित जी !
मिलता काट
साँप के ज़हर का
न मिले तोड़
आस्तीन में पलते
अपनों के काटे का!
बिलकुल सही बात...| सभी तांका बहुत अच्छे हैं, मेरी बधाई...|
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