शनिवार, 17 फ़रवरी 2018

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 1-कमला निखुर्पा
1
भोर की दौड़
थी साँझ तक चली 
होड़-सी मची
साथी रूठते गए
पीछे छूटते गए।
2
मंजिल वहाँ
जिसे ढूँढने चले
गुम हो गए
वो कदमों के निशाँ,
पर रुकना कहाँ ।
-0-
2-कृष्णा वर्मा
1
रात औ दिन
हाथ में मोबाइल
बातों में मग्न
तन-मन को घेरे
फिर एकाकीपन।
2
तरीके तौर
गए  सब बदल
मरे संस्कार
इंसानी रिश्ते में जो
आया मंदी का दौर।
-0-
(16 फरवरी-18)
1
थके पाँव थे
दूर-दूर गाँव थे
सन्नाटा खिंचा,
लगा कुछ न बचा-
कि आप मिल गए
2
राहें कँटीली
चुभन व कराहें
बाधाएँ बनी
पास में  ही छाँव थी
कि फूल खिल गए।
3
तलाशा जिसे
भोर से साँझ तक
सूखा हलक
नदी- तीर पर मिले
मन दोनों के खिले।
4
रेत -सी झरी
भरी -पूरी ज़िन्दगी
कुछ न बचा
था सुनसान वन
कि पार था चमन ।
5
भोर -सी मिली
साँझ -सूरज  हँसा
कि आज कोई
आके  मन  में बसा
वह भोर थी तुम्हीं ।
6
घेरते रहे
बनके रोड़े कई
हारने लगे
जब अकेले पड़े
तुम साथ थे खड़े।
7
कामना यही-
जब तन में बचे
साँस आखिरी
अधरों पे हास हो
सिर्फ़ तुम्ही  पास हो।
8
मुट्ठी में कसा
बस तेरा हाथ हो
सदा साथ हो
जितनी  साँसें  बचें
कुछ नया ही रचें।
-0-





16 टिप्‍पणियां:

नीलाम्बरा.com ने कहा…

सभी रचनाकारों को बधाई, अच्छी रचनाओं हेतु।

Satya sharma ने कहा…

आप सभी को बहुत ही अच्छी रचनाओं हेतु हार्दिक बधाई

Satya sharma ने कहा…

आप सभी को बहुत ही अच्छी रचनाओं हेतु हार्दिक बधाई

Jyotsana pradeep ने कहा…

सुन्दर सृजन के लिए आप सभी को बहुत- बहुत बधाई !

Unknown ने कहा…

beautiful

नीलाम्बरा.com ने कहा…

बधाई, सभी रचनाकारों को, सुन्दर ताँका हेतु।

Vibha Rashmi ने कहा…

जीवन से जुड़े सुन्दर ताँका के लिये सभी स्नेही सृजनकारों को हार्दिक बधाई ।

ज्योति-कलश ने कहा…

बहुत सरस ,सुन्दर भावपूर्ण ताँका रचनाएँ !
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई !!

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

कितने प्यारे तांका हैं सभी...|
आप सभी को मेरी बहुत बहुत बधाई...|

विश्वमोहन ने कहा…

वाह! बहुत खूब!!

Unknown ने कहा…

Wah, Such a wonderful line, behad umda, publish your book with
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सुनीता काम्बोज ने कहा…

आप सब वरिष्ठ रचनाकारों के साथ मेरे ताँका का प्रकाशन , मेरे लिए सौभाग्य की बात है ..सभी का सादर आभार । सभी ताँका बहुत सुंदर सार्थक ।

Dr.Purnima Rai ने कहा…

सुनीता जी कमला जी कृष्ण जी
बेहतरीन सृजन
हार्दिक बधाई!!


Dr.Purnima Rai ने कहा…

आदरणीय सर!
आपका तांका सृजन जहा उम्दा भावनाओं का हृदयस्पर्शी प्रस्फुटन करता करता है।वहीं एक सामान्य पाठक एवं लेखक को तांका लिखने की कला का सहज ही ज्ञान दे जाता है।
नमन!!

Jyoti khare ने कहा…

बहुत सुंदर प्रस्तुति
सभी रचनाकारों को बधाई

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

अतिसुन्दर! एक से बढ़कर एक आप सभी के ताँका! बहुत-बहुत बधाई आप सबको!!!

~सादर
अनिता ललित