रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
1- सर्दी की धूप
प्रथम ग्रास
मेरे उस प्रिय को
जो सदा पास
उसकी भूख में है
मेरी भी भूख
उसकी
प्यास में है
मेरी भी प्यास।
उसका एक कौर
मुझे जो मिला
युगों- युगों की क्षुधा
हो गई शान्त
निहारूँ भरूँ नैन
उसी का रूप।
सहलाए मुझे ज्यों
सर्दी की धूप
कण्ठ में लरजता
सिन्धु -सा प्यार
दौड़ती लहर-सी
छूते ही पोर
आँखों से बरसती
वासन्ती भोर
पलकों पे उतरें
सौ- सौ गुलाल
चूमूँ अनन्त तक
मैं पोर -पोर
करे तुझमें
मन
सदा अवगाहन।
-0-
2-चन्दन-सा जीवन
उमड़ी आँधी
मथ डाला अम्बर
बिजली टूटी
फट गए बादल
सँभले नहीं
बह गए पल में
डूबी बस्तियाँ
चूर-चूर हो गया
मेरा भी मन
पाया था इतना ही।
सपने देखे
सबके चेहरों में
अपने देखे
सबका सुख माँगा
घृणा कुचली
किसी का दु:ख देखा
तो हिस्सा माँगा ,
मिल-बाँट लिया था
ज़हर मिला
सब खुद पी डाला
कुछ न मिला
चन्दन-सा जीवन
बना कोयला
फिर राख हुआ था
ख़ाक हुआ था
सब कुछ देकर
कुछ न पाया
आहें और कराहें
छलनी हुआ सीना ।
-0-
3- तुम न होते
तुम न होते
बुझ जाता दीपक
सींच नेह से
जला दिया तुमने
चौराहे पर
ओट हाथ की दे दी
आँधी को रोका
फूत्कार-भय त्यागा
नागों को नाथा ।
यह कैसे हो पाता
बिना तुम्हारे
हम जी पाते कैसे
बिना सहारे
दंशित नस -नस
काल सामने
तुमने मन्त्र पढ़े
विष सदा उतारा ।
-0-
17 टिप्पणियां:
कुछ कुछ अलग भाव वाले होने के बावजूद हर चोका अपनेपन की महक में सराबोर है...। बहुत पीड़ा भी है इनमें, पर फिर भी एक अहसास है इस बात का कि अपनत्व की डोर किस तरह हमें दुखों का महासागर से भी खींच के बाहर ला देती है । बेहद मर्मस्पर्शी और उम्दा चोका...मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें...।
बहुत ही सुन्दर
आपके व्यक्तित्व का प्रतिबिंब हो जैसे
सबका सुख मांगा 👌👌
एक से बढ़कर एक चोका, हार्दिक बधाई।
सुंदर चोका सृजन .... बधाइयाँ
बेहतरीन हृदयस्पर्शी चोका...हार्दिक बधाई।
प्रियंका गुप्रा , सुषमा गुप्ता , कविता भट्ट ,, पूर्वा शर्मा और कृष्णा वर्मा जी आप सबका सबका अभूत-बहुत आभार !
बहुत सुंदर, मार्मिक
आप बहुत हृदय स्पर्शी लिखते हैं। अनुभूति की तीव्रता आपकी विशिष्ट विशेषता है । बहुत-बहुत बधाई।
बहुत सुन्दर | मर्म स्पर्शी, चोखे | सुरेन्द्र वर्मा |
बेहद मर्मस्पर्शी.... कहीं प्रेम पर विश्वास तो कहीं पीड़ा का अहसास... हृदय से लिखा हर चोका !बहुत -बहुत बधाई भैया जी !
प्रेम, वेदना, अपनेपन के भावों से पूर्ण दिल को छू लेने वाले चोका।
सादर अभिनंदन।
आप सबका हार्दिक आभार !!
रामेश्वर काम्बोज
बहुत ही भावपूर्ण सृजन ।
जैसे मन के किसी गहरे भाव से जन्म ले सृजित किया हो ।
बहुत सुंदर
Bahut bhavpurn hrdysaprshi choka kamboj ji aapko dher saari badhaiyan.
मन को गहरे छू गया तीनों चोका. बेहद भावुक और हृदयस्पर्शी है. सादर बधाई भैया.
बहुत भावपूर्ण , मर्मस्पर्शी सृजन !
हार्दिक बधाई !
बहुत भावपूर्ण चोका हैं सर... मन मे उतर जाते हैं
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