मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021

955

 1-सुदर्शन रत्नाकर

1

धानी चूनर

ओढ़ के वसुंधरा

खुशी से इठलाई

ले अँगडाई

मौसम है बदला

ऋतु वसंत आई।

2

श्वेत गजरे

काले कुंतल सजे

सतरंगी फूलों की

कंठ में माला

पहन पीली साड़ी

धरा हरियाई है।

3

मिठास भरा

हुआ वातावरण

आया है मधुमास

चाँदनी रात

मधु है बरसाती

स्वच्छ होती प्रकृति ।

4

खिले हैं फूल

तितलियों का मेला

भँवरों की गुँजार

मधुमक्खियाँ

चूसें मिल पराग

आया है मधुमास।

5

अमराई में

कूक उठी कोयल

बजी ज्यों शहनाई

लेके बारात

लो आ गया वसंत

बाँधी है पाग पीली। 

6

ऋतु वसंत

खिले दिग-दिगन्त

बावरी हुई हवा

कर शृंगार

धरा बनी दुल्हन

दूल्हा बना गगन।

 7

महक उठी

मंजरी पेड़ पर

बहने लगी बयार

खिलने लगीं

चंपा और चमेली

गूँजी कोकिल तान।

-0-

12 टिप्‍पणियां:

Shiam ने कहा…

आदरणीय रत्नाकर जी के वसंत के स्वागत लिखे गये हाइकू प्रकृति के हर अंग का स्पर्श करते हुए मानवता के लिए एक सुंदर सन्देश लेकर आये हैं | अत्यंत भावपूर्ण और मधुर हैं | बहुत सारी बधाई के साथ |श्याम हिंदी चेतना

प्रीति अग्रवाल ने कहा…

आदरणीया सुदर्शन दी , वसन्त ऋतू का ऐसा मनभावन स्वागत की मन खुशी से झूम उठा! आपको बधाई और धन्यवाद! कैनाडा में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, पर मन मे तो बसन्त ही मन रहा है!:)

प्रीति अग्रवाल ने कहा…

ऋतु*

Ramesh Kumar Soni ने कहा…

मन यदि वासंती हो तो सभी मौसम सुगंधित रहता है। अपनी रचना से आपने वसंत का सुंदर स्वागत चित्र खींचा है। बधाई।

Sudershan Ratnakar ने कहा…

मन खुश तो हर ऋतु वसंत।सही कहा प्रीति जी।मेरे सेदोका की सराहना कर मुझे प्रोत्साहित करने के लिए आ.श्याम त्रिपाठी जी, प्रीति जी, रमेश कुमार सोनी जी आप सब का हार्दिक आभार।

dr.surangma yadav ने कहा…

वासंती सेदोका बहुत सुंदर। हार्दिक बधाई।

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

बहुत ही सुंदर, मनमोहक बसंत ऋतु का चित्रण! आदरणीया सुदर्शन दीदी जी को एवं उनकी लेखनी को सादर नमन!
~सादर
अनिता ललित

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

इन मनमोहक पंक्तियों में तो जैसे वसंत ही आँखों के समक्ष सजीव हो गया. मेरी हार्दिक बधाई स्वीकारें...|

Krishna ने कहा…

मनमोहक बसंत का बहुत सुंदर चित्रण। हार्दिक बधाई आपको।

सविता अग्रवाल 'सवि' ने कहा…

सुदर्शन जी को प्रकृति के सजीव वर्णन करते सेदोका के लिए हार्दिक बधाई।

Jyotsana pradeep ने कहा…

वासंती परिधान में सुशोभित सेदोका कितने सुन्दर और मनभावन हैं!मन को सुकून मिल रहा है। हृदय से बधाई आपको आदरणीया दीदी।🙏

Pushpa mehra ने कहा…

सम्माननीय सुदर्शन जी चारों और बसंत ही बसंत छा गया -सुन्दर रचनाएँ बधाई स्वीकारें |

पुष्पा मेहरा