बिटिया दिवस(डॉटर्स डे ) की शुरुआत 2007 से हुई। यूनिसेफ, क्राई और आर्चीज़ ने मिलकर बिटिया दिवस की शुरुआत की। यूनिसेफ और क्राई ने पहले 24 सितंबर 2007 को बिटिया दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया था, मगर बाद में इसमें बदलाव कर सितंबर का चौथा रविवार चुना गया और पहली बार यह सितंबर के चौथे रविवार यानी 23 सितंबर, 2007 को मनाया गया। आप इस दिन को अपनी बेटी के साथ सेलिब्रेट करें। डॉटर्स डे को मनाए जाने की सबसे बड़ी वजह थी कि हर रोज 100 से भी ज्यादा लड़कियों को जन्म लेने से पहले ही मार दिया जाता है या जन्म लेते ही लावारिस छोड़ दिया जाता है। आज भी समाज में कई घर ऐसे हैं, जहां बेटियों को बेटे के मुकाबले अच्छा खाना और अच्छी पढ़ाई नहीं दी जा रही हैं। इन्हीं सब भेदभाव को मिटाने के लिए बिटिया दिवस मनाने पर जोर दिया गया।
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' के हाइकुओं पर आधारित हाइगा
11 टिप्पणियां:
हरदीप जी , आपने मेरे हाइकु को हाइगा के रूप में पेश करके अभिव्यक्ति को और अधिक सरल और सहज बना दिया है । आपके प्रयास को नमन और आज के दिन उन असंख्य बेटियों को नमन , जिनसे यह दुनिया विद्यमान है ।
अति सुन्दर...हार्दिक बधाई...।
प्रियंका
बहुत बढ़िया..दिवस विशेष पर.
बहुत सुंदर
इस सुंदर ब्लॉग के लिए बधाई
हैरानी है कि आज बिटिया दिवस है और कोई पब्लिसिटी नहीं ।
नितांत आवश्यक है वर्तमान परिवेश में ।
सभी को शुभकामनायें ।
वाह!
बहुत बढ़िया!
बहुत ही सुन्दर...,हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ...।
सादर
ऋता
uttam nahi ati uttam bhav sa sajse chitron me dhale kamal lag rahe hai.
rachana
Daughter's day par bahut sundar prastuti.
Bahut bahut badhaee.
बहुत खूब
🌹 daughter is 🌹
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