सुदर्शन रत्नाकर
1
काजल की रेखा है
जीभर जी
लो तुम
कल किसने देखा है !
2
गुलशन में फूल खिला
चीर अँधेरे को
तारों से चाँद मिला ।
3
कलियों को खिलने दो
बिछुड़े प्रेमी हैं
दोनों को मिलने दो ।
4
रातें सब काली हैं
सूनी
बस्ती में
अपना दिल ख़ाली है ।
-0-
6 टिप्पणियां:
सभी माहिया दिल को छूने वाले.. विशेषकर..
'रातें सब काली हैं
सूनी बस्ती में
अपना दिल ख़ाली है ।'
~सादर
अनिता ललित
बहुत भावपूर्ण ,सुन्दर माहिया ...हार्दिक बधाई !
मनमोहक भावपूर्ण माहिया सुदर्शन जी...बधाई!
वाह! भावपूर्ण महिया | बधाई आपको |
सादर,
शशि पाधा
sunder v bhaavpurn mahiya ....haardik badhai.
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण माहिया...हार्दिक बधाई |
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