डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
1
बनकर पंछी चहका
सूरज की आहट
कलियों का मन महका ।
2
कितना बेहाल करे
तड़की मन धरणी
नैनों के ताल भरे ।
3
आए हो ,रुक जाओ
ओ बादल ! प्यासी-
धरती पर झुक जाओ ।
4
अब क्या फ़रियाद करें ?
पल भर भूलें हों
तो तुमको याद करें ।
5
कैसे दुख ने घेरा
जागी आँखों से
मुँह सपनों ने फेरा ।
6
आदत तड़पाने की
आते ही बातें
करते हो जाने की ।
7
सोचा दिन-रात करूँ
आओ तो,
तुमको
देखूँ या बात करूँ ।
8
हैं घड़ियाँ मुश्किल की
लाख छुपाया था
जग जान गया दिल की ।
9
मुझको परवाह नहीं
बस उन अधरों पे
आने दूँ आह नहीं ।
10
ख़ुशियों का डेरा है
वैरी जग सारा
कोई तो मेरा है ।
11
शूलों में फूल खिले
महके ,
मुस्काए
हर गम को भूल मिले ।
12
देकर रूमाल गए
नैना परदेसी
जादू -सा डाल गए ।
-0-
15 टिप्पणियां:
ज्योत्स्ना जी बहुत सुंदर भाव व गेयता लिए हुए आपके सभी माहिया एक से बढ़कर एक लगे।
सभी माहिया खूबसूरत, अन्तिम माहिया बहुत अच्छा है|
दो सौ माहिया रचना सच में अद्भुत है |बधाई स्वीकारें ज्योत्सना जी|
पंछी बना सूरज,मन धरा का तड़कना नैन- ताल का भरना,बादलों का आवाहन ,सपने ही तो मन की ऊर्जा का श्रोत हैं वे ही न रहें तो जीवन के दुखों को भुलाने में कौन सहायक होगा-भाव दर्शाते, शब्द -शब्द को भावों से रँगते माहिया के सभी भाव मन में गहरे समा रहे हैं| ज्योत्स्ना जी सुंदर सृजन हेतु बधाई |
पुष्पा मेहरा
कैसे दुख ने घेरा
जागी आँखों से
मुँह सपनों ने फेरा ।
एक से एक बढ़कर महिया ज्योत्स्ना जी बहुत सुंदर भाव। हार्दिक बधाई।
इस स्नेह भरे प्रोत्साहन के लिए आ भैया जी , हरदीप जी , पुष्पा दीदी , ऋता जी एवम् अनिता जी के प्रति हृदय से आभारी हूँ !
सीमा जी का भी दिल से शुक्रिया :)
पहले तो दो सौ महिया रचनें के लिए बधाई ज्योत्स्ना जी !!!
सभी महिया बहुत प्यारे हैं इसने तो मन मोह लिया। ..
.देकर रूमाल गए
नैना परदेसी
जादू -सा डाल गए ।
ये पढ़ा। ....
ख़ुशियों का डेरा है
वैरी जग सारा
कोई तो मेरा है ।
मुझे मेरा एक महिया याद आ गया -
अहसास बड़ा प्यारा-
तेरा कोई है
बैरी फिर जग सारा ।
आप इसी तरह लिखती रहे... इन्हीं शुभकामनाओं के साथ -
ज्योत्स्ना प्रदीप
April 28, 2016 at 4:38 PM Delete
सभी महिया एक से बढ़कर एक हैं विशेषकर देकर रुमाल गए ....। हार्दिक बधाई ।.
ज्योत्सना जी सभी माहिया प्यारे हैं । खास कर
दे कर रूमाल गये
नैना परदेसी
जादू सा डाल गए ।
वाह !
ज्योत्सना जी सभी माहिया प्यारे हैं । खास कर
दे कर रूमाल गये
नैना परदेसी
जादू सा डाल गए ।
वाह !
ज्योत्सना जी सभी माहिया बहुत सुन्दर और लय युक्त हैं । एक से बड़कर एक ।बधाई ।
आप सभी का हृदय से धन्यवाद !
सादर
ज्योत्स्ना शर्मा
200 mahiya wow bahut bahut badhai...
जीवन की परिभाषा
बहुत सुन्दर माहिया हैं...बहुत बधाई...|
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