ज्योत्स्ना प्रदीप
1
वो नाते प्यारे थे
करते मन शीतल
चाँदी -से
धारे थे ।
2
वो बूढ़े बाबा थे
मंदिर सबके थे
वो ही तो काबा थे ।
3
पीपल की छैंया
थी
घर थे सादे से
हर घर में गैया थी ।
4
वो सीखें माई की
हर लड़के मे थी
सूरत निज भाई की ।
5-
वो विधवा चाची थी
पीर -कथा उसने
जीवन भर बाँची थी ।
6
कोई न कहीं छल
था
चाह भरी एक मन
मीठा सबका पल था।
7
जब ईद- दिवाली थी
लखना- जुम्मन की
तब एक ही थाली थी ।
8
अब उजले तो मुख हैं
होठों हास थमा
मन में केवल दुख हैं ।
9
अब खूब दिखावा है
मन घायल कर दे
हर ओर छलावा है ।
10
नेकी न कभी मरती
अब तक बाकी है
कुछ लोगों से धरती ।
-0-
16 टिप्पणियां:
आदरणीया ज्योत्स्ना प्रदीप जी के सुंदर लययुक्त माहिये, यादों को उकेरते हुए आशा भरे हैं।
जब ईद- दिवाली थी
लखना- जुम्मन की
तब एक ही थाली थी ।
विशेष सुंदर। वाह!! बधाई।
दिल को छूने वाले माहियाँ ज्योत्सना जी ! हार्दिक बधाई
स्वीकार करे ।
'अब ख़ूब दिखावा है
मन घायल कर दे
ख़ूब छलावा है।'
बहुत सही कहा है आपने!
वर्तमान की हक़ीक़त यही है ।
जीवन की सादगी और सच्चाई अब गुज़रे ज़माने की बात हो चली है।
अब खूब दिखावा है
मन घायल कर दे
हर ओर छलावा है ।
सभी माहिया बहुत खूबसूरत ज्योत्स्ना जी
ज्योत्सना प्रदीप जी के सुंदर - सजीले माहिया बहुत मनभावन हैं ।
वो नाते प्यारे थे
करते मन शीतल
चाँदी -से धारे थे ।
बधाई ज्योत्सना जी ।
सस्नेह - विभा रश्मि 👌👌👌
ज्योत्सना प्रदीप जी के सुंदर - सजीले माहिया बहुत मनभावन हैं ।
वो नाते प्यारे थे
करते मन शीतल
चाँदी -से धारे थे ।
बधाई ज्योत्सना जी ।
सस्नेह - विभा रश्मि 👌👌👌
बहुत-बहुत सुंदर माहिया सखी ज्योत्स्ना प्रदीप जी ! एक-एक माहिया ज्यों एक-एक मोती जैसा ! बहुत-बहुत बधाई इस सुंदर सृजन के लिए आपको !
~सादर/सस्नेह
अनिता ललित
सुंदर सृजन ज्योत्सना जी, बधाई!
मार्मिक सृजन....रिश्तों की यादें ताज़ा हो गई....बधाई ज्योत्सना जी
मार्मिक सृजन....रिश्तों की यादें ताज़ा हो गई....बधाई ज्योत्सना जी
सभी माहिया बहुत सुंदर ज्योत्स्नाजी ।बधाई
बहुत सुंदर माहिया ,ज्योत्स्ना जी बधाई |
पुष्पा मेहरा
"वो नाते प्यारे थे
करते मन शीतल
चाँदी -से धारे थे ।....से ..नेकी न कभी मरती " तक बेहद ख़ूबसूरत भावों को पिरोया है सखी आपने !
सभी एक से बढ़कर एक !!कहीं मधुर अहसास और कहीं दिल में यादों की टीस जगाती प्रस्तुति के लिए
हार्दिक बधाई आपको !!
वाह ज्योत्स्ना जी सभी माहिया एक से एक बढ़कर हैं आपस के प्यार ,रिश्ते नातों की मज़बूती को दर्शाते हुए रचे गए हैं बहुत बहुत बधाई ।
वाह! मन को छू जाने वाला बहुत सुन्दर सृजन। एक से बढ़ कर एक माहिया।
ज्योत्स्ना प्रदीप जी बहुत बधाई।
बहुत - बहुत आभार आप सभी का !!!
बहुत प्यारे माहिया...बहुत बधाई...|
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