1-शशि पाधा
1
कुछ भूला- भटका सा
इत-उत फिरता मन
अम्बर से लटका -सा ।
2
क्यों माया जाल बुना
बंद पिटारी से
क्यों जी जंजाल चुना ।
3
दो दिन का डेरा है
नगरी अनजानी
बस रैन बसेरा है।
4
दुख कितना भोग लिया
जब से लगन लगी
सुख से संयोग किया।
5
दोराहे आन खड़े
रसता सूझे ना
शंका में पाँव जड़े ।
6
सब कुछ जब अर्पण हो
धुँधला मिट जाए
मन निर्मल दर्पण हो ।
-0-
2-मंजु गुप्ता
1
बनके उपकार
नदी
है माँ की महिमा
गाती हर एक सदी .
-0-
है माँ की महिमा
गाती हर एक सदी .
-0-
20 टिप्पणियां:
सब कुछ जब अर्पण हो
धुँधला मिट जाए
मन निर्मल दर्पण हो ।
शशि पाधा को सुन्दर माहिया के लिए बधाई ।
मंजू जी को सुंदर माहिया के लिए बधाई ।
बनके उपकार नदी
है माँ की महिमा
गाती हर एक सदी
सब कुछ जब अर्पण हो
धुँधला मिट जाए
मन निर्मल दर्पण हो ।
शशि पाधा को सुन्दर माहिया के लिए बधाई ।
मंजू जी को सुंदर माहिया के लिए बधाई ।
बनके उपकार नदी
है माँ की महिमा
गाती हर एक सदी
शशि जी बहुत भावपूर्ण माहिया !
दो दिन का डेरा है-------
संसार की नश्वरता का सुंदर चित्रण!
बहुत-बहुत बधाई !!!
मंजू जी सदियों से माँ और नदी की महिमा व उपकार सभी ने स्वीकार किया है । आपने ख़ूबसूरती से इन दोनों के उपकार के विषय में सुंदर माहिया की रचना की आपको हार्दिक बधाई !!!
सब कुछ जब अर्पण हो
धुँधला मिट जाए
मन निर्मल दर्पण हो ।
शशि जी सभी माहिया बहुत सुंदर
बनके उपकार नदी
है माँ की महिमा
गाती हर एक सदी
मंजू जी बहुत सुंदर माहिया
बहुत सुन्दर सभी माहिया शशि पाधा जी, मंजु जी आप दोनों को बहुत बधाई।
शशि जी लाजवाब कलम है ।
बधाई ।
शशि जी लाजवाब कलम है ।
बधाई ।
शशि जी लाजवाब कलम ।
बधाई
विभा जी , प्रेरणा जी , सुनीता जी , कृष्णा जी दिल से आभार ।
विभा जी , प्रेरणा जी , सुनीता जी , कृष्णा जी दिल से आभार ।
शशि जी लाजवाब कलम ।
बधाई
भावपूर्ण , सुंदर माहिया। शशिजी,मँजूजी हार्दिक बधाई।
सभी माहिया बहुत सुंदर हैं ,शशि जी व मंजू जी बधाई|
पुष्पा मेहरा
उम्दा माहिया...बधाई कमला जी,मंजू जी
बहुत बहुत बधाई शशि जी...
उम्दा माहिया...बधाई कमला जी,मंजू जी
बहुत सुंदर एवं भावपूर्ण माहिया !
शशि दीदी एवं मंजू जी को हार्दिक बधाई !!!
~सादर
अनिता ललित
सभी माहिया बहुत सुंदर हैं ,शशि जी व मंजू जी बधाई|
प्यारे प्यारे माहिया के लिए बहुत बधाई...|
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