1-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
1
छोटी-सी
नाव
तैरा निंदा का सिन्धु
डुबाने वाले लाखों,
फिर भी बचे
प्रिय आओ ! यों करें
कुछ दर्द बुहारें।
2
मूक हैं गान
अश्रु में डूबा नभ
बिछुड़ गई धरा,
प्राण विकल
जीने के लिए नित
मरे कई मरण।
-0-
2-डॉ.महिमा श्रीवास्तव
1
मन उलझे
विचित्र धागे होते
प्रेम के ताने-बाने,
जो सुलझाए
और फँसता जाए
उलझा रह जाए ।
2.
अन्याय बढ़े
धैर्य डगमगाए
अवसाद से घिरे
प्रभु का जाप
हरे मन की पीड़ा
भरे जय की ऊर्जा।
-0-
19 टिप्पणियां:
अत्यंत सार्थक सेदोका, श्री रामेश्वरजी।
बधाई।
कुछ दर्द बुहारें अद्भुत व्यंजना हुई है। बहुत बधाई
प्रेम के ताने-बाने,
जो सुलझाए
और फँसता जाए
यही होता है महिमा जी सुंदर लिखा आपने बधाई
कुछ दर्द बुहारें...
जो सुलझाए और फंसता जाए..
आदरणीय कांबोज भाई साहब एवम महिमा जी के अत्यंत भावपूर्ण सेदोका, बहुत बहुत बधाई!!
वाह! अप्रतिम! लाजवाब! 'दर्द की अपनी ही एक अदा है, वह सहने वालों पर ही फ़िदा है!' -कहीं पढ़ा था। आदरणीय भैया जी के सेदोका पढ़कर याद आ गई ये पंक्ति! आपको एवं आपकी लेखनी को नमन आ.भैया जी!
प्रेम के ताने-बाने, जितना सुलझाएँ, उतना ही उलझें - सत्य एवं बहुत सुंदर अभिव्यक्ति महिमा जी! बहुत बधाई आपको!
~सादर
अनिता ललित
सुंदर सेदोका आदरणीय काम्बोज जी एवं महिमा जी को बधाई । निंदा का सिंधु और दर्द बुहारें अच्छा प्रयोग है -सुंदर ।
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" गुरुवार 22 अक्टूबर अक्टूबर 2020 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
भाई काम्बोज जी और महिमाजी अति सुन्दर अभिव्यक्ति है सेदोका में बंधी हुई | हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई |
बहुत ही सुंदर भावपूर्ण सेदोका...भाई काम्बोज जी तथा महिमा जी को हार्दिक बधाई।
भावपूर्ण सुंदर सेदोका के लिए काम्बोज सर एवं महिमा जी को हार्दिक बधाइयाँ
कुछ दर्द बुहारें... अद्भुत. सभी सेदोका बहुत भावपूर्ण हैं. काम्बोज भाई और महिमा जी को हार्दिक बधाई.
अनुपम, भावपूर्ण सेदोका ।काम्बोज जीऔर महिमा जी को हार्दिक बधाई ।
कुछ दर्द बुहारें...अद्भुत।
बेहद सुन्दर और भावपूर्ण सेदोका।
आदरणीय श्री काम्बोज जी की लेखनी को नमन।
महिमा जी को हार्दिक बधाई।
सादर।
कुछ दर्द बुहारें...अद्भुत।
बेहद सुन्दर और भावपूर्ण सेदोका।
आदरणीय श्री काम्बोज जी की लेखनी को नमन।
महिमा जी को हार्दिक बधाई।
सादर।
वाह
कुछ दर्द बुहारें... बहुत खूब भैया जी !
सभी सेदोका बहुत सुन्दर और भावपूर्ण..आदरणीय भैया जी और महिमा जी को हार्दिक बधाई !!
बहुत सुन्दर सेदोका।बधाई स्वीकारें ।
सार्थक सेदोका रामेश्वरजी।
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