1-रश्मि विभा त्रिपाठी
1
मैं और तुम
एकाकार जबसे
कोई भी भेद नहीं,
जीवन मेरा
परिपूर्ण है अब
कुछ भी खेद नहीं।
2
प्रिय को सुख
अपने लिए कुछ
दिल में चाह नहीं,
वह प्रणय
समुद्र समान है
उसकी थाह नहीं।
3
मेरी आशा की
दीप अवलियों के
तुम रखवारे हो,
ओ मीत मेरे
मन के अम्बर के
तुम ध्रुवतारे हो।
4
मधुमास- सा
जीवन का मौसम
कितना है निराला,
आके जबसे
मन की नगरी में
तुमने डेरा डाला।
5
तय था मेरा
धूप के सफर में
प्यासे गले मरना,
प्यार तुम्हारा
शीतल पानी का ज्यों
सीकस* में झरना।
6
ये मन तेरा
और जीवन तेरा
साँसें तेरी सम्बन्धी
तेरे सिवाय
अब कुछ न दिखे
मैं हो गई ज्यों अन्धी।
7
अपने सुख
देके मेरा दुख जो
तुमने सहेजा है
सचमुच ही
तुमको ईश्वर ने
मेरे लिए भेजा है।
8
तू पल पल
मेरे हर दुख में
देता मुझे संबल
तेरे रूप में
मिला प्रभु से मेरी
पूजा का प्रतिफल।
9
ये प्रेम तेरा
सच में सजीवन
इसमें है जीवन
जी उठे अब
अखियों के सपन
बल पा गया मन।
10
अति निर्मल
निश्चल औ उदार
पाया जो तेरा प्यार
है यही मेरा
पावन तीर्थस्थल
कैलाश, हरिद्वार।
-0-*सीकस - रेतीली धरती
गाँव - 22
ले गए सारे
खेतों को खींचकर
नए शहर
मुट्ठी में भींचकर
देखता गाँव
आँखों को मींचकर
आखिरकार
पहचान थे वह
जिन्हें फेंका है
उन्हीं की जमीन से
जैसे उलीचकर।
गाँव - 23
देसी किस्मों को
खोना नहीं है आज
सोचते खेत
बिक जाने के बाद
देखती आँखों
ख़्वाब
उड़ा दिए हैं
रातों ने आज
जी. एम. फसलें हैं
खेतों में आज
कल वीराना होगा
खुलेंगे जब राज ।
गाँव - 24
खेत - क्यारी को
वजूद-सा पहने
धोखे के मारे
गाँव सामने आए
घंमडियों से
मंडियों में दिखते
ज्यों नपे खड़े
तुला की डंडियों से
सोच रहे हैं
कैसे बचे, मंडी के
इन शिखंडियों से ।
गाँव - 25
सुख के लिए
गाँव, खेत बेचके
बने हुए हैं
सुख मिले कहाँ से
जब से मुए
ठेके घने हुए हैं
सरकार ने
जब करे नाराज़
गाँव तब से
अनमने हुए हैं
कटखने हुए हैं ।
-0-
14 टिप्पणियां:
सुंदर लेखन, हार्दिक बधाई रचकाकारों को।
बहुत ही सुंदर सभी चोका।
आदरणीय भीकम सिंह जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ 💐🌷🌹
सादर
चोका प्रकाशन के लिए आदरणीय सम्पादक द्वय का हार्दिक आभार
नीलाम्बरा की आभारी हूँ।
सादर
प्रेम भाव से सुसज्जित सुंदर सेदोका एवं गाँव की पृष्ठभूमि पर लिखे चोका के लिए रश्मि जी एवं भीकम सिंह जी को हार्दिक बधाई।
भावपूर्ण सृजन! रचनाकार द्वय का हार्दिक अभिनन्दन!
प्रेम से परिपूर्ण सुंदर सेदोका!
सभी चोका बहुत ख़ूब!
आदरणीय भीकम सिंह जी एवं प्रिय रश्मि को बहुत बधाई!
~सादर/ सस्नेह
अनिता ललित
इतना सुन्दर सृजन कि मैं निःशब्द हूँ 🌹🙏 रश्मि जी एवं आद भीकम जी की उत्कृष्ट रचनाएँ...सदैव मुझे अच्छी लगती हैं 🙏🌹
रश्मि विभा त्रिपाठी जी के बेहतरीन सेदोका के साथ मेरे चोका प्रकाशित करने के लिए सम्पादक द्वय का हार्दिक धन्यवाद और टिप्पणी करने के लिए आप सभी का हार्दिक आभार ।
प्रेम की कोमल भावनाएँ सेदोका में ढलकर आईं तो मन भाई
आदरणीय भीकम जी का चोका भी बहुत अच्छा लगा
वाह! बेहतरीन रचनाएँ भीकम सिंह जी और रश्मि जी की!!
बेहतरीन सेदोका और चोका...रश्मि जी एवं भीकम सिंह जी को हार्दिक बधाई।
आप सभी आत्मीय जन की टिप्पणी की दिल से आभारी हूँ।
सादर
रश्मि जी और भीकम जी के सुंदर लेखन के लिए बधाई। सविता अग्रवाल “सवि”
दोनों रचनाकारों की रचनाएं बहुत अच्छी हैं बधाई
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