सोमवार, 1 जनवरी 2024

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भीकम सिंह

1

लो, विदा हुई

एक और साल की

सोचें -विचारें

कैलेण्डर वॉल की

कुछ नये ढाल की ।

2

अस्त हुआ है

एक वर्ष का सूर्य

दु:ख सहते

नई तारीखें लेके

आओ, फिर बहते ।

3

पुराना वर्ष

प्रश्नों को छोड़ गया

कल के लिए

उदय हुआ नया

ज्यों बदल के लिए ।

4

ठेल -ठालके

जैसे तैसे बीता है

पुराना वर्ष

आओ नये के देखें

विषाद और हर्ष ।

13 टिप्‍पणियां:

dr.surangma yadav ने कहा…

बहुत सुंदर!नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।

Rashmi Vibha Tripathi ने कहा…

बहुत सुंदर ताँका।
हार्दिक शुभकामनाएँ आदरणीय 🌷💐

सादर

प्रीति अग्रवाल ने कहा…

सुंदर हाइकु भीकम सिंह जी, बधाई एवं नववर्ष की शुभकामनाएँ!

प्रीति अग्रवाल ने कहा…

क्षमा कीजिये, सुंदर 'तांका'

Sonneteer Anima Das ने कहा…

वाह्ह्ह्ह सर 🌹अत्यंत भव्य सृजन....अद्भुत भाव से परिपूर्ण 🙏🌹

Sudershan Ratnakar ने कहा…

बहुत सुंदर ताँका। बधाई

भीकम सिंह ने कहा…

मेरे ताॅंका प्रकाशित करने के लिए सम्पादक द्वय का हार्दिक धन्यवाद और टिप्पणी करने के लिए आप सभी का हार्दिक आभार, नववर्ष की शुभकामनाओं सहित।

Sushila Sheel Rana ने कहा…

बहुत सुंदर ताँका। नव वर्ष मंगलमय हो !

Ramesh Kumar Soni ने कहा…

अच्छे ताँका के लिए भीकम जी को बधाई।
आप सभी के लिए भी नव वर्ष की मंगल कामनाएँ।

Krishna ने कहा…

बहुत सुंदर तांका...नववर्ष शुभ हो।

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

नव वर्ष पर बहुत सुन्दर ताँका, बधाई। नव वर्ष की मंगलकामनाएँ!

Vibha Rashmi ने कहा…

नववर्ष के बहुत सुन्दर ताँका । हार्दिक बधाई भीकम सिंह जी व

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

सभी ताँका बहुत पसंद आए, बहुत बधाई