डॉ. जेन्नी शबनम
ज़िन्दगी
1.
ज़िन्दगी
चली
बिना
सोचे-समझे
किधर
मुड़े?
कौन
बताए दिशा
मंज़िल
मिले जहाँ।
2.
मालूम
नहीं
मिलती
क्यों ज़िन्दगी
बेइख़्तियार,
डोर
जिसने थामे
उड़ने
से वो रोके।
3.
अब तो
चल
ऐ ठहरी
ज़िन्दगी!
किसका
रस्ता
तू
देखे है निगोड़ी
तू है
तन्हा अकेली।
4.
चहकती
है
खिली
महकती है
ज़िन्दगी
प्यारी
जीना
तो है जीभर
यह
सारी उमर।
5.
बनी जो
कड़ी
ज़िन्दगी
की ये लड़ी
ख़ुशबू
फैली,
मन
होता बावरा
ख़ुशी
जब मिलती।
6.
फिर है
खिली
ज़िन्दगी
की सुबह
शाम
सुहानी,
मन
नाचे बारहा
सौग़ात
जब मिली।
7.
नहीं
है जानी
नहीं
है पहचानी
राह जो
चली,
ज़िन्दगी
अनजानी
पर
नहीं कहानी।
-0-
8 टिप्पणियां:
सभी ताॅंका सुंदर, हार्दिक शुभकामनाऍं।
बहुत सुन्दर ताँका।
हार्दिक बधाई आदरणीया 💐💐💐
सादर
ज़िन्दगी से संबंधित सुंदर ताँका-बधाई।
सभी ताँका बहुत सुंदर। हार्दिक बधाई।
एक से बढ़कर एक बढ़िया ताँका। हार्दिक बधाई जेन्नी जी॥ सुदर्शन रत्नाकर
बहुत ही सुन्दर।
हार्दिक बधाई आपको।
सभी ताँका बेहतरीन, हार्दिक बधाई
सभी ताँका बहुत सुंदर!
~सादर
अनिता ललित
एक टिप्पणी भेजें